मास्टर प्लान बना विकास को देंगे गति

सोनपुर : नगर पंचायत सोनपुर के मुख्य पार्षद अमजद हुसैन चार भाई एवं चार बहन है. अमजद हुसैन भाई में दूसरे नंबर पर है. इनके पिता जी का देहांत हो चुका है, अमजद हुसैन ठेकेदारी के साथ-साथ प्रोपर्टी डीलर का काम किया करते है. माता जी जीवित है तथा नगर पंचायत सोनपुर के वार्ड पार्षद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2017 7:48 AM
सोनपुर : नगर पंचायत सोनपुर के मुख्य पार्षद अमजद हुसैन चार भाई एवं चार बहन है. अमजद हुसैन भाई में दूसरे नंबर पर है. इनके पिता जी का देहांत हो चुका है, अमजद हुसैन ठेकेदारी के साथ-साथ प्रोपर्टी डीलर का काम किया करते है.
माता जी जीवित है तथा नगर पंचायत सोनपुर के वार्ड पार्षद पद को सुशोभित कर चुकी है. माता जी का कहना है कि शुरू से ही सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर अमजद भाग लिया कराता था. गरीबों-असहायों की मदद करने में जाति संप्रदाय तथा धर्म से ऊपर उठ कर लोगों को मदद करने का काम किया करता है. मुख्य पार्षद की शादी नहीं हुई है.
मुख्य पार्षद साक्षर है. मुख्य पार्षद ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि सबका साथ सबका विकास को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जायेगा. सड़क, गली नाली के अधूरे कार्यों को पूरा करने के साथ-साथ साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का काम करूंगा. मास्टर प्लान बनाकर नगर पंचायत का विकास करने का प्रयास किया जायेगा.
अल्पसंख्यक समुदाय से अकेले वार्ड पार्षद बनने के संबंध में पूछे जाने पर बताया कि तीस वर्षों से सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करने का अनुभव है. इसी का फल है कि निर्विरोध निर्वाचित हुआ हूं. सोनपुर में सारे समीकरण ध्वस्त हो गये है. काफी लंबे समय से राजनीति में हूं,वर्तमान में राजद से जुड़ा हुआ हूं. इस चुनाव में सारे जातीय समीकरण के साथ-साथ दलीय समीकरण ध्वस्त हो गये. पूर्व कार्यवाहक मुख्य पार्षद विनोद सिंह सम्राट के इर्द-गिर्द यह चुनाव घूमता रहा.
वे अपनी रणनीति में सफल भी हुए. विगत 23 मई से जो मायूसी छायी हुई थी. वह शुक्रवार को समाप्त हो गया. जीत के जश्न में विनोद स्वयं खुले जीप में मुख्य पार्षद के जीत का सिंबल दिखाते हुए, जिंदाबाद के नारे व चेहरे से झलकती खुशी के साथ भ्रमण कर रहे थे.
विनोद के साथ ही जीत का हैटट्रिक लगा चुके शैलेंद्र राम व अन्य पार्षद व सोनपुर की राजनीतिक दशा-दिशा तय करने वाले लोग भी इस चुनाव को लेकर पूरी तन्यमता के साथ लगे हुए थे. जिन्हें अमजद की जीत की शक्ल में अपनी रणनीति सफल होती हुई दिखी. वहीं अमजद ने अपनी जीत के बाद पीर बाबा के मजार के साथ ही हरिहरनाथ मंदिर में उपस्थिति दर्ज कराकर सोनपुर के गंगा जमुनी तहजीब के विरासत को बल प्रदान किया.

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