जवाहर हत्या मामले में चार को उम्र कैद

फैसला. आठ फरवरी, 2004 को जवाहर सिंह की गोली मार की गयी थी हत्या छपरा(कोर्ट) : आपसी वर्चस्व को लेकर परसा पश्चिमी भाग एक के जिला पार्षद की गोली मार कर हत्या कर दिये जाने के मामले में न्यायालय ने चार आरोपितों को अलग-अलग धाराओं के तहत कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है. बुधवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2017 3:52 AM

फैसला. आठ फरवरी, 2004 को जवाहर सिंह की गोली मार की गयी थी हत्या

छपरा(कोर्ट) : आपसी वर्चस्व को लेकर परसा पश्चिमी भाग एक के जिला पार्षद की गोली मार कर हत्या कर दिये जाने के मामले में न्यायालय ने चार आरोपितों को अलग-अलग धाराओं के तहत कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है. बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवम ओमप्रकाश पांडेय ने जिला पार्षद् जवाहर सिंह की हत्या मामले में दर्ज मकेर थाना कांड संख्या 7/04 की सुनवाई करते हुए मामले में आरोपित परसा थाना क्षेत्र के फतेहपुर निवासी सुनील राय और देवीलाल राय के साथ ही दो सहोदर भाई नवल राय और विजय राय को भादवि की धारा 302/149 के तहत आजीवन कारावास और 50 हजार जुर्माना के साथ ही 307/149 में 10 वर्ष सश्रम करावास व 25 हजार अर्थदंड तथा 27(2) आर्म्स एक्ट में 7 वर्ष और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.
अर्थदंड नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त की सजा सुनाई है. ज्ञात हो कि जिला पार्षद की हत्या मामले में मृतक के छोटे भाई व भेल्दी निवासी हीरालाल सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए उपरोक्त सभी के अलावा आठ लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था. आरोप में कहा था कि वह अपने बड़े भाई जवाहर सिंह और उनके पुत्र संदीप कुमार सिंह उर्फ सोनू के साथ आठ फरवरी 2004 को मार्शल रॉयल गाड़ी से पटना जा रहे थे कि रास्ते में दोपहर साढ़े तीन बजे तकिया गांव के पास तीन मोटरसाइकिल पर सवार आठ लोगों ने उनके वाहन को ओवरटेक कर घेर लिया और राइफल तथा बंदूक से फायरिंग करने लगे. वाहन के चालक बुलेट कुमार ने बचने के लिये गाड़ी को खेत मे घुसा दिया और वे सभी भागने लगे तभी जवाहर सिंह को गोली लगी और वे वहीं गिर पड़े तथा घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी. हमलावर उनकी हत्या करने के बाद उनका लायसेंसी रायफल भी लेते गये.
सभी हमलावरों के जाने के बाद वे लोग आये, तो जवाहर सिंह मृत पड़े थे और उनका पुत्र सोनू गंभीर रूप से जख्मी था, जिसे इलाज के लिए पटना भेजा गया. इस मामले में अभियोजन की ओर से एपीपी हरेश्वर सिंह और सूचक की ओर से पूर्व पीपी अजीत सिंह और सहायक विनय कुमार सिंह ने बहस किया.
हत्या मामले में आरोपितों को अर्थ दंड की भी दी गयी सजा
हत्या के बाद जिले में फैला था तनाव, कई जगह हुए थे आंदोलन

Next Article

Exit mobile version