बिहार : छपरा में अधिवक्ता को गाेलियों से दिनदहाड़े भूना, मौत

छपरा (सारण):बिहारके छपरा में गड़खा थाना क्षेत्र के पहाड़पुर पेट्रोल पंप के पासआज अपराधियों ने अधिवक्ता रमेन्द्र शर्मा को गोली मारकर गुरूवार को मौत के घाट उतार दिया. मृतक गड़खा निवासी है और सेना से रिटायर्ड होने के बाद वकालत करते थे. अपराधियों ने उन्हें पांच गोली मारी, लेकिन उनके शरीर में तीन गोली लगी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2017 2:44 PM

छपरा (सारण):बिहारके छपरा में गड़खा थाना क्षेत्र के पहाड़पुर पेट्रोल पंप के पासआज अपराधियों ने अधिवक्ता रमेन्द्र शर्मा को गोली मारकर गुरूवार को मौत के घाट उतार दिया. मृतक गड़खा निवासी है और सेना से रिटायर्ड होने के बाद वकालत करते थे. अपराधियों ने उन्हें पांच गोली मारी, लेकिन उनके शरीर में तीन गोली लगी है. गोली लगने के बाद घायल अवस्था में उन्हें सदर अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. इस घटना के बाद छपरा विधि मंडल में शोक की लहर दौड़ गई और काफी संख्या में अधिवक्ता सदर अस्पताल पहुंच गए. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया और शव को परिजनों को सौंप दिया.

अधिवक्ता की पत्नी का पहले ही देहांत हो चुका है और उनके एक पुत्र व एक पुत्री है. पुत्र दिल्ली में रहता है. वह अकेले ही गड़खा में रहते थे और छपरा विधि मंडल में वकालत करते थे. उनके चचेरे भाई ने बताया कि वह रोज की तरह गुरूवार को भी व्यवहार न्यायालय में प्रैक्टिस करने जा रहे थे. इसी दौरान पहले से घात लगाए अपराधियों ने पहाड़पुर के पास उनको रोक लिया और ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने घटना स्थल से अधिवक्ता की बाइक बरामद की है.

इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है. गड़खा थानाध्यक्ष संतोष कुमार रजक ने बताया कि हत्या का कारण भूमि विवाद है और एक वर्ष पहले भी भूमि विवाद के कारण गोलीबारी की घटना रमेन्द्र शर्मा तथा दूसरे पक्ष के बीच हुयी थी. उस मामले में रमेन्द्र शर्मा भी जेल गये थे और हाल ही में जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं. भूमि विवाद के कारण हुयी हिंसक झड़प के मामले में दूसरे पक्ष के अधिवक्ता त्रियुगीनाथ प्रसाद समेत पांच लोगों को दस वर्ष की सजा हो चुकी है जिसके सूचक रमेन्द्र शर्मा थे. उन्होंने बताया कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और गोली मारकर हत्या करने वालों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.

हत्या की घटना से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन
अधिवक्ता रमेन्द्र शर्मा की हत्या की खबर मिलते ही विधि मंडल के अधिवक्ता गुरूवार को आक्रोशित हो गये और सड़क पर उतर आए. आक्रोशित अधिवक्ता हत्या के विरोध में शहर में जुलूस निकाला और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर अपने आक्रोश का इजहार किया. अधिवक्ताओं ने थाना चौक के पास समाहरणालय पथ और डाक बंगला रोड को जाम कर दिया. इस वजह से शहर में जाम की समस्या उत्पन्न हो गयी और शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी. करीब दो घंटे तक अधिवक्ताओं का आंदोलन चलता रहा. आक्रोशित अधिवक्ता पुलिस अधीक्षक को वार्ता करने के लिए कार्यालय से बाहर निकलने की मांग कर रहे थे.

सड़क जाम हटाने तथा आक्रोशित अधिवक्ताओं को शांत कराने के लिए सहायक पुलिस अधीक्षक मनीष तथा नगर थाना की पुलिस काफी देर तक मशक्कत करते रहे. करीब दो घंटे तक चला अधिवक्ताओं का आंदोलन पुलिस अधीक्षक अनसुइया रणसिंह साहू के आश्वासन के बाद समाप्त हुआ. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी की जाएगी.

स्पेशल टास्क फोर्स का एसपी ने किया गठन

अधिवक्ता हत्या मामले की जांच और हत्यारों की गिरफ्तारी के पुलिस अधीक्षक अनसुइया रणसिंह साहू ने स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया है और हत्या के आरोपितों को सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल चलाने का निर्देश दिया है. स्पेशल टास्क फोर्स का गठन सहायक पुलिस अधीक्षक मनीष के नेतृत्व में किया गया है. पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में हत्या के आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने के लिए व्यापक स्तर पर छापेमारी शुरू करने का निर्देश दिया है.

जेल में बनी थी अधिवक्ता की हत्या की योजना

अधिवक्ता रमेन्द्र शर्मा की हत्या की योजना छपरा मंडल कारा में बनी थी. प्रथम दृष्टया जांच में यह बात सामने आई है. अधिवक्ता की हत्या जिस तरह से की गयी है, उससे यह बात भी उजागर हुआ है गोली मारने वाला कोई पेशेवर अपराधी होगा जो जान लेने के लिए शरीर के महत्वपूर्ण हिस्सों पर गोली मारा है. अपराधियों ने अधिवक्ता पर पांच गोली चलायी जिसमें से तीन गोली अधिवक्ता को लगी. गोली लगने के बाद अधिवक्ता की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी थी. अधिवक्ता की मौत की पुष्टि सदर अस्पताल में चिकित्सकों ने कर दिया.

अधिवक्ता ने लगायी थी सुरक्षा की गुहार
अधिवक्ता रमेन्द्र शर्मा ने अपने जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई थी. अधिवक्ता ने गड़खा थाना की पुलिस के अलावा पुलिस अधीक्षक, डीआइजी तथा अन्य वरीय पुलिस अधिकारियों को पत्र सौंप कर अपने जान माल पर खतरे की आशंका व्यक्त की थी और सुरक्षा की गुहार लगाई थी. परिजनों ने बताया कि रमेन्द्र शर्मा के बयान पर दर्ज मामले में पांच लोगों को सजा होने के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही थी.

यह भी पढ़ें-
बिहार : सारण में कारोबारी की हत्या, उग्र भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव

Next Article

Exit mobile version