धंधेबाजों के कब्जे में नेशनल हाइवे

छपरा (सदर) : सड़क परिवहन के मानकों के अनुसार किसी भी स्थिति में एनएच को जाम करना नियम के विरुद्ध है. परंतु, सारण में तो विगत पांच दिनों से एनएच 19 डोरीगंज से लेकर छपरा शहर के भिखारी चौक से लेकर डोरीगंज, खलपुरा, अवतारनगर तक एनएच पर ट्रकचालकों ने अपना कब्जा जमा रखा है. इसकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2017 11:24 AM
छपरा (सदर) : सड़क परिवहन के मानकों के अनुसार किसी भी स्थिति में एनएच को जाम करना नियम के विरुद्ध है. परंतु, सारण में तो विगत पांच दिनों से एनएच 19 डोरीगंज से लेकर छपरा शहर के भिखारी चौक से लेकर डोरीगंज, खलपुरा, अवतारनगर तक एनएच पर ट्रकचालकों ने अपना कब्जा जमा रखा है.
इसकी वजह बालू के धंधेबाजों की मिलीभगत के सामने स्थानीय प्रशासन का बौना साबित होने तथा वरीय पदाधिकारियों की उदासीनता मुख्य वजह है. जाम से लोग परेशान रहते हैं.
गत 12 अगस्त से ही लगातार डोरीगंज थाना क्षेत्र एवं आस-पास के थाना क्षेत्रों में दो से तीन लाइन एनएच पर मनमाने ढंग से ट्रक खड़ा किये जाने के कारण छपरा-पटना जाने वाली बसों या अन्य निजी वाहनों को गड़खा होकर जाने की मजबूरी है. परंतु, जिला एवं पुलिस प्रशासन ने जाम खत्म कराने की दिशा में ठोस पहल नहीं की. जिससे स्थिति इस एनएच पर बद से बदतर होती जा रही है. सरकार ने पर्यावरण के दृष्टिकोण से एक जुलाई से 30 सितंबर तक बालू के खनन पर रोक लगाया है.
हालांकि सारण जिले में लाल बालू के खनन का कोई क्षेत्र नहीं है. यहां पर विभिन्न नदी घाटों पर उजले बालू की खुदाई होती है. परंतु, लाल बालू तो सोन नदी के कोइलवर में निकलता है जो वास्तव में सारण जिले में नहीं होता. परंतु, स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से प्रतिदिन रात में 3 सौ से 5 सौ तक नाव लाल बालू सोनपुर से लेकर डोरीगंज व छपरा शहर तक विभिन्न घाटों पर ढोये जा रहे हैं.
खनन विभाग के पदाधिकारी महेश्वनर पासवान का तर्क है कि जहां लाल बालू की खुदाई होती है वह क्षेत्र सरण जिले में नहीं पड़ता परतु, सारण जिले के सैकड़ों की संख्या में ट्रक जो कोईलवर से खनन का बालू लाने वाले नावों पर रोक लगाने की दिशा में कार्रवाई करने के मामले में परिवहन विभाग की जिम्मेवारी की बात कहते है.
चालकों द्वारा खदेड़ देने की कार्रवाई की : वहीं जिला परिवहन पदाधिकारी जयप्रकाश नारायण कहते है कि इस धंधे पर रोक लगाने की जिम्मेवारी स्थानीय पुलिस प्रशासन की है.
उधर 12 जुलाई को सड़क जाम करने वालों द्वारा दिघवारा के सीओ की गाड़ी को उलट कर क्षतिग्रस्त कर देने व दुर्व्यवहार करने उदासीन बालू व्यवसायियों के पुलिस द्वारा जबरन वसूली के खिलाफ रोड जाम करने के अलावा 13 जुलाई को रोड जाम करने वालों को हटाने गये छपरा सदर के सीओ विजय कुमार सिंह तथा डोरीगंज थानाध्यक्ष को बालू व्यवसायियों व वाहन चालकों द्वारा खदेड़ देने की कार्रवाई की गयी. हालांकि इस मामले में अलग-अलग प्राथमिकियां भी हुई. वहीं इस सूचना के बाद जब जिला स्तर से एक अनुमंडलीय पदाधिकारी को भेजा गया, तो वे मुख्य स्थल पर जाने के बदले छपरा-आरा जाने वाली पुल पर बैठ कर चले आये.
जिससे अब स्थानीय पदाधिकारी वहां जाने की हिम्मत नहीं जुटाते. एक पदाधिकारी ने तो नाम नहीं छापने की शर्त पर यह भी कहा कि हम भी तो सांस लेते है. जब वरीय प्रशासन एवं पुलिस के पदाधिकारी का सहयोग हमें नहीं मिलेगा, तो निश्चित तौर पर हमारा मनोबल टूटेगा.

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