ज्ञान अर्जित कर ही देश की सच्ची सेवा कर सकते हैं

छपरा. आज के दौर में मुसलमानों को अशिक्षा से बाहर आना होगा. उक्त बातें प्रो. सफदर इमाम कादरी पूर्व विभागाध्यक्ष उर्दू, कॉलेज आफ कॉमर्स पटना ने रविवार को दारुल उलूम रजविया, बड़ा तलपा के तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही. बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष उर्दू प्रो. फारूक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2017 8:46 AM
छपरा. आज के दौर में मुसलमानों को अशिक्षा से बाहर आना होगा. उक्त बातें प्रो. सफदर इमाम कादरी पूर्व विभागाध्यक्ष उर्दू, कॉलेज आफ कॉमर्स पटना ने रविवार को दारुल उलूम रजविया, बड़ा तलपा के तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही. बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष उर्दू प्रो. फारूक अहमद सिद्दीकी ने संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान को अर्जित कर ही हम राष्ट्र और समाज की सच्ची सेवा कर सकते हैं.
बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष उर्दू के प्रो अब्दुल वासे ने संबोधित करते हुए कहा कि इस्लाम की बुनियाद ही शिक्षा पर आधारित है, लेकिन आज की पीढ़ी शिक्षा से दूर होती जा रही है. हजारीबाग विश्वविद्यालय के प्रो केसर जमां ने संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन का आयोजन समय की एक जरूरत है.
दारुल उलूम रजविया वास्तव में शिक्षा को देने का काम कर रही है. जेपी यूनिवर्सिटी के उर्दू विभागाध्यक्ष नबी अहमद ने संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान को अर्जित करना हर दौर में जरूरी है. मुख्य अतिथि वरीय उप समाहर्ता मोहम्मद उमैर ने संबोधित करते हुए कहा कि मुसलमान धार्मिक अध्ययन के साथ समकालीन अध्ययन की ओर भी ध्यान दें. जेपी यूनिवर्सिटी के पूर्व उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ अब्दुल मलिक ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छपरा में पहली बार हुआ है.
दारुल उलूम के संस्थापक मौलाना रजबुल कादरी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन के जैसा दूसरा कार्यक्रम धीरे-धीरे आयोजित किये जायेंगे. मो वली उल्लाह कादरी और साहेब रजा खां ने मंच का संचालन किया. जमालुद्दीन, अरशद परवेज, साबिर हुसैन, गुलाम मुस्तफा, गुलाम ख्वाजा, हाफिज जाकिर हुसैन, मुख्तार नवेद, मौलाना फारूक बरकाती, मोहम्मद साजिद मिस्बाही, कारी अशरफ, हाजी कासिम रजा, डॉक्टर एजाज, हाजी वजीर अहमद मौलाना नसीरूद्दीन रजवी आदि उपथित थे.

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