धन दोगुना का सब्जबाग दिखा डेढ़ करोड़ की ठगी
जमाकर्ताओं-अभिकर्त्ताओं ने पुलिस अधीक्षक से लगायी गुहार छपरा (सारण) : रोजवेल इंफ्राकॉन लिमिटेड नामक ननबैंकिंग कंपनी ने कम समय में धन दोगुना करने का सब्जबाग दिखा कर डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी कर ली और अपना कार्यालय बंद कर फरार हो गयी. करीब एक दर्जन अभिकर्त्ताओं तथा सैकड़ों जमाकर्ताओं ने गुरुवार को पुलिस अधीक्षक हरकिशोर […]
जमाकर्ताओं-अभिकर्त्ताओं ने पुलिस अधीक्षक से लगायी गुहार
छपरा (सारण) : रोजवेल इंफ्राकॉन लिमिटेड नामक ननबैंकिंग कंपनी ने कम समय में धन दोगुना करने का सब्जबाग दिखा कर डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी कर ली और अपना कार्यालय बंद कर फरार हो गयी. करीब एक दर्जन अभिकर्त्ताओं तथा सैकड़ों जमाकर्ताओं ने गुरुवार को पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय से मिल कर ठगी करने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. रितेश कुमार सिंह, नौशाद खान, संतोष कुमार सिंह समेत अन्य अभिकर्त्ताओं ने बताया कि नौ दिसंबर, 2011 को रोजवेल इंफ्राकॉन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर विंध्याचल तिवारी तथा उनकी पत्नी अनिता कुमारी ने दिघवारा में कंपनी का शाखा खोल कर कार्य शुरू किया. इस कंपनी में एजेंट के रूप में भर्ती कर लिया.
कंपनी ने करीब 75 लाख रुपये का निवेश कराया तथा जमा राशि की भुगतान करने की बारी आयी तो, सभी फरार हो गये. काफी प्रयास के बाद जब विंध्याचल तिवारी के पटना और सीतामढ़ी स्थित घर पर सभी लोग पहुंचे, तो कुछ लोगों को चेक काटकर दे दिया, जो बाउंस हो गया. पुनः जब उसके पास जाने पर राशि वापस करने से साफ इन्कार कर दिया.
रोगी कल्याण समिति के सदस्य के खिलाफ जालसाजी की प्राथमिकी छपरा(सारण). सदर अस्पताल रोगी कल्याण समिति के सदस्य के खिलाफ जालसाजी की प्राथमिकी गुरुवार को दर्ज करायी गयी. उपाधीक्षक डॉ शंभू नाथ सिंह की लिखित शिकायत पर भगवान बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. रोगी कल्याण समिति सदस्य पर आरोप है कि पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह के लेटर पैड पर फर्जी हस्ताक्षर कर उपाधीक्षक के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत की गयी थी.
इसके स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के यहां भी रोगी कल्याण समिति सदस्य विद्या सिंह ने शिकायत ने शिकायत की थी. इतना ही नहीं शशिभूषण पांडेय के नाम से भी फर्जी शिकायत की थी, जब सरकार ने इसकी जांच का आदेश डीएम को दिया, तो शिकायतकर्त्ताओं ने जांच दल के समक्ष स्वीकार किया कि उन्होंने किसी तरह की शिकायत नहीं की है
और शिकायत पत्र पर किया गया हस्ताक्षर उनका नहीं है और यह जाली है. उपाधीक्षक डॉ शंभूनाथ सिंह ने बताया कि जांच में यह बात सामने आयी है कि रोगी कल्याण समिति के सदस्य विद्या सिंह ने फर्जी हस्ताक्षर कर उनके खिलाफ शिकायत की है. जांच में यह पाया गया कि दोनों शिकायत पत्रों पर किया गया हस्ताक्षर विद्या सिंह की है. थानाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार ने बताया कि उपाधीक्षक की लिखित शिकायत मिली है, जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
और इसकी जांच की जा रही है.