हमरा के बचा के कहां चल गइले रजऊ

मौत के बाद परिजनों में मचा कोहराम पानापुर(सारण) : पानापुर में नाव दुर्घटना में जीवित बची भगवानपुर गांव निवासी फूल कुमारी देवी का रुदन सूनकर घाट पर उपस्थित हर किसी की आंखें नम हो जा रही थी. वह बार-बार एक ही रट लगा रही थी कि हमरा के बचा के कहां चल गइले रजऊ? अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2017 1:22 PM
मौत के बाद परिजनों में मचा कोहराम
पानापुर(सारण) : पानापुर में नाव दुर्घटना में जीवित बची भगवानपुर गांव निवासी फूल कुमारी देवी का रुदन सूनकर घाट पर उपस्थित हर किसी की आंखें नम हो जा रही थी. वह बार-बार एक ही रट लगा रही थी कि हमरा के बचा के कहां चल गइले रजऊ? अब हमरा लईकन के परवरिश कइसे होइ. बताते चले कि फूलकुमारी देवी और उसका पति शिवाजी राउत भी नाव पर सवार होकर दियारा जा रहे थे.
नाव के पलटने के बाद जब पति-पत्नी दोनो डूब रहे थे तो शिवाजी ने पत्नी फूलकुमारी को धक्का देकर किसी तरह किनारे पहुंचा दिया. लेकिन खुद को नहीं बचा सके. मृतक शिवाजी राउत के पांच बच्चे हैं जिनमें दो पुत्र एवं 3 पुत्रियां हैं. बता दें कि सरौजा भगवानपुर घाट के सामने सोमवार को गंडक नदी में नाव डूब गयी. इस पर सवार 12 लोगों में से छह तैरकर बाहर निकल गये, लेकिन छह लोग अब भी लापता हैं.
आज से 20 वर्ष पहले 1997 में भी एक नाव दुर्घटना हुई थी,
सोमवार को सरौजा भगवानपुर गांव के समीप जहां नाव दुर्घटना हुई है, उसी जगह पर आज से 20 वर्ष पहले 1997 में भी एक नाव दुर्घटना हुई थी, जिसमें नाव पर सवार सात लोगों में से छह लोग जिंदा बच गये थे जबकि फतेहपुर गांव निवासी दुरंधर लाल की डूबने से मौत हो गयी थी. दोनों घटनाएं एक ही जगह घटित होने से लोग एक दैविक प्रकोप भी मान रहे हैं.
पानापुर. नाव दुर्घटना में लापता आधा दर्जन लोगों ंकी तलाश के लिए एसडीआरएफ की दो अलग-अलग टीमें जुट गयी हैं. एसपी हरकिशोर सिंह ने बताया कि एक टीम घटनास्थल पर जबकि दूसरी टीम घटनास्थल से छह किलोमीटर दक्षिण सारंगपुर डाकबंगला घाट पर लापता लोगों की तलाश में जुट गयी है. घटना के बाद घटनास्थल पर जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं का तांता लगा हुआ है.
महराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल, तरैया विधायक मुंद्रिका प्रसाद राय, जदयू नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व विधायक जनक सिंह सहित अन्य नेताओं ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात किया और घटना पर दुःख व्यक्त किया. इस बीच पूर्व विधायक जनक सिंह ने इस घटना में मृत शिवाजी राउत की एक लड़की के भरण-पोषण की जिम्मेदारी खुद वहन करने की बात कहीं.

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