सारण में म्यूटेशन यानी दाखिल-खारिज के मामले को निबटाने की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है, जबकि विभागीय अधिकारी दाखिल-खारिज में पूर्व से बेहतर स्थिति का दावा कर रहे हैं, पर विभाग के जो आंकड़े बताते हैं उससे यह प्रतीत होता है कि जिले में ऑनलाइन दाखिल-खारिज के करीब 11 हजार मामले लंबित पड़े हैं. 26 जून तक विभिन्न अंचलों से आयी रिपोर्ट को देखने के बाद यह बात क्लियर हो जाती है कि सारण में दाखिल-खारिज की स्थिति ठीक-ठाक नहीं है. सबसे खराब स्थिति सोनपुर अंचल की है. यहां दाखिल-खारिज के मामले पेंडिंग काफी अधिक है. जिले में कुल 20 अंचल हैं और यह प्रखंड मामलों को निबटाने में सबसे पीछे दिख रहा है. यहां 1487 दाखिल-खारिज के मामले पेंडिंग हैं, जबकि सबसे कम पेंडिंग के मामले मकेर प्रखंड में है, यहां मात्र 110 मामले पेंडिंग हैं. दाखिल-खारिज कराने के लिए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. इसके बाद सरकार के निर्देश पर ऑनलाइन आवेदन कर दाखिल-खारिज कराने की सुविधा प्रदान की गयी. लेकिन ऑनलाइन आवेदन देने के बाद भी समय से दाखिल-खारिज नहीं हो रहा है. इसके कारण कई बार कई कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा जा चुका है. बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. जिलाधिकारी अमन समीर ने कई बार मीटिंग के दौरान सभी राजस्व पदाधिकारी को इसके लिए फटकार भी लगायी है, लेकिन फटकार का असर होता नहीं दिख रहा है. इस चीज का फायदा दलाल उठा रहे हैं और असली जमीन मालिक को परेशान कर रहे हैं. फर्जी तरीके से खरीद फरोख्त कर रहे हैं. पहले से काफी मामले घटे हैं मंगलवार की बैठक में सभी राजस्व अधिकारियों को आदेशित किया गया है कि जितने भी 63 दिनों से अधिक के मामले हैं, उन सबको डिस्पोजल करके रिपोर्ट दें.
कहां कितनी है पेंडिंग :
छपरा सदर 1080, परसा 309, गड़खा 650 , मढ़ौरा 902, पानापुर 748, तरैया 283, मशरक 600, अमनौर 301, दरियापुर 796, दिघवारा 186, रिविलगंज 397, सोनपुर 1487, इसुआपुर 255, मांझी 778, बनियापुर 854, लहलादपुर 194, जलालपुर 510, नगरा 190, मकेर 110 इस तरह कुल 10906 मामले पेंडिंग हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है