तत्कालीन डीएम दीपक आनंद के घर पर निगरानी छापे को ले चर्चाएं

छपरा (सदर) : छपरा के पूर्व डीएम रहे दीपक आनंद के सीतामढ़ी स्थित आवास पर निगरानी की छापे को लेकर बुधवार की संध्या आम लोगों एवं पदाधिकारियों में चर्चाएं शुरू हो गयीं. विभागीय जानकारी की माने तो दीपक आनंद जब 30 जनवरी, 2015 से 23 मार्च, 2017 तक जिले के डीएम रहे थे, इसी दौरान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2018 4:26 AM

छपरा (सदर) : छपरा के पूर्व डीएम रहे दीपक आनंद के सीतामढ़ी स्थित आवास पर निगरानी की छापे को लेकर बुधवार की संध्या आम लोगों एवं पदाधिकारियों में चर्चाएं शुरू हो गयीं. विभागीय जानकारी की माने तो दीपक आनंद जब 30 जनवरी, 2015 से 23 मार्च, 2017 तक जिले के डीएम रहे थे, इसी दौरान छपरा के डोरीगंज से लेकर सोनपुर तक विभिन्न घाटों पर बालू के अवैध धंधे को लेकर मामला गरमाया था. बालू के मामले में अनियमितता को लेकर निगरानी विभाग के द्वारा तत्कालीन डीएम दीपक आनंद को भी संदेह के घेरे में लेकर विभागीय जांच शुरू की गयी है.

इस मामले में अन्य खनन विभाग के पदाधिकारियों एवं पुलिस विभाग के पदाधिकारियों के भी निगरानी के रडार में होने की चर्चाएं वर्ष 2016 से ही चल रही है. 2016 में बालू के अवैध धंधे का भंडाफोड़ होने तथा इसमें प्रशासनिक व विभागीय मिलीभगत का मामला काफी गरमाया था. बालू के मामले में सबसे पहले भंडाफोड़ करने का श्रेय डीएम दीपक आनंद को ही जाता है. जिन्होंने पकड़े गये ट्रकों के चालक से पुलिस द्वारा 10 एवं 20 रुपये के नोट का कोड देकर बालू का अवैध धंधा करने का मामला उजागर हुआ था.

सरकार ने पूरे मामले को निगरानी के जिम्मे सौंप दिया. इसके बाद निगरानी पूरे मामले के जांच में लग गयी. यही नहीं इस मामले को लेकर निगरानी टीम ने छपरा में कम से कम दो से तीन बार आकर विभिन्न विभागीय, प्रशासनिक व पुलिस विभाग के संबंधित लोगों से पूछताछ भी की थी. तत्कालीन डीएम दीपक आनंद के घर पर छापेमारी की सूचना के बाद छपरा शहर के विभिन्न वर्गों खासकर बुद्धिजीवियों में बालू के मामले के साथ-साथ दीपक आनंद के कार्यकाल के दौरान हुए मामलों की चर्चाएं जारी हो गयी. जिसमें उनकी पत्नी से एक व्यक्ति द्वारा मेडिकल में नामांकन कराने के नाम पर राशि ठगने के अलावा उनकी पत्नी के कटिहार मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वहां के मजिस्ट्रेट कॉलोनी स्थित आवास पर चोरी तथा उस मामले में छपरा के ही दो जवानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गयीं.

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