थानाध्यक्ष के खिलाफ मुखर हुए चिकित्सक

24 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर होगा आंदोलन छपरा (सारण) : सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ दीपक कुमार को हाथ-पैर तोड़ने की धमकी देने के मामले में 24 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर होगा व्यापक आंदोलन. उक्त बातें बिहार राज्य चिकित्सा सेवा संघ के जिला सचिव डॉ बीके श्रीवास्तव ने सदर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2018 8:36 AM
24 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर होगा आंदोलन
छपरा (सारण) : सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ दीपक कुमार को हाथ-पैर तोड़ने की धमकी देने के मामले में 24 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर होगा व्यापक आंदोलन. उक्त बातें बिहार राज्य चिकित्सा सेवा संघ के जिला सचिव डॉ बीके श्रीवास्तव ने सदर अस्पताल में आयोजित चिकित्सकों की बैठक में रविवार को कहीं. उन्होंने कहा कि इस घटना से डीएम, एसपी को अवगत कराया गया है और एसपी ने 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
उन्होंने कहा कि डॉ दीपक कुमार के साथ हुई घटना की संघ घोर निंदा करता है और संघ ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि इस घटना के कारण जिले के चिकित्सकों में काफी आक्रोश है. बिहार राज्य आइएमए के इलेक्ट प्रेसीडेंट डॉ शालीग्राम विश्वकर्मा ने कहा कि 24 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर संघ किसी भी स्तर पर आंदोलन कर सकता है.
इसको लेकर राज्य स्तर पर आंदोलन किया जायेगा. उन्होंने इस घटना की घोर निंदा की और कहा कि पुनः सोमवार को सभी चिकित्सक सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में 9:30 बजे तक उपस्थित होंगे और बैठक कर तत्काल आंदोलन शुरू करने का निर्णय लेकर डीएम को अवगत कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि आपातकालीन कक्ष में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के साथ मांझी थाना के थानाध्यक्ष ने जो हरकत किया, वह मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति ही कर सकता है. इस अवसर पर डॉ रविशंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि इस घटना से यह साबित हो गया है कि थानाध्यक्ष अनुज कुमार पांडेय की मानसिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है, ऐसे में उनकी मानसिक जांच के सिविल सर्जन से मेडिकल बोर्ड का गठन करने की मांग संघ करती है. डॉ किरण ओझा ने कहा कि थानाध्यक्ष अनुज कुमार पांडेय के द्वारा डॉ दीपक कुमार को जिस तरह की धमकी दिये हैं, वह उनकी मानसिक विकृति का परिचायक है.
उन्होंने कहा कि थानाध्यक्ष की मानसिक जांच करा कर नियमानुसार कार्रवाई करना जनहित में जरूरी है और मानसिक जांच होने तक उन्हें काम काज से अलग रखने की मांग की. डॉ सुभाष तिवारी, डॉ एसएस प्रसाद, डॉ शैलेंद्र कुमार, डॉ सुरेंद्र महतो, डॉ संजीव रंजन ने भी थानाध्यक्ष की मानसिक जांच कराने की मांग की. बैठक में लिये गये निर्णय से सिविल सर्जन को अवगत कराने तथा मेडिकल बोर्ड का गठन कर थानाध्यक्ष की मानसिक जांच कराने की मांग कराने पर सहमति बनी. बैठक में सदर अस्पताल के अलावा जिले के अन्य चिकित्सक भी मौजूद थे.

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