कारा की सुरक्षा व बंदियों की सुविधा को ले प्रशासन गंभीर

क्षमता के डेढ़ से पौने दोगुने बंदियों की सुविधा तथा संवेदनशील कारा की सुरक्षा का विस्तृत प्रारूप भेजा छपरा (सदर) : मंडल कारा छपरा का भवन काफी पुराना है. कई स्थानों पर जर्जर पेरीमीटर वाल, जर्जर बंदी वार्ड, शौचालय आदि के कारण विधि-व्यवस्था, असुरक्षा तथा बंदियों को हो रही परेशानी के मद्देनजर कारा प्रशासन ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2018 4:53 AM

क्षमता के डेढ़ से पौने दोगुने बंदियों की सुविधा तथा संवेदनशील कारा की सुरक्षा का विस्तृत प्रारूप भेजा

छपरा (सदर) : मंडल कारा छपरा का भवन काफी पुराना है. कई स्थानों पर जर्जर पेरीमीटर वाल, जर्जर बंदी वार्ड, शौचालय आदि के कारण विधि-व्यवस्था, असुरक्षा तथा बंदियों को हो रही परेशानी के मद्देनजर कारा प्रशासन ने भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखकर यथा शीघ्र सुधारात्मक कार्य हेतु प्राक्कलन तैयार करने की जरूरत जतायी है. काराधीक्षक में अपने पत्रांक 1260 में जहां विस्तृत मरम्मती का जिक्र किया है. वहीं कार्यपालक अभियंता को बुलाकर पूरी स्थिति से भी अवगत कराया है, जिससे सुरक्षा के साथ-साथ पुरुष एवं महिला बंदियों को आवश्यक सुविधा मिल सके. कारा प्रशासन के पत्र के बाद कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण ने भी कारा में लंबित निर्माण, मरम्मती तथा विशेष कार्य कराने के लिये प्राक्कलन बनाने का काम शुरू कर दिया है.
1159 बंदी हैं अभी मंडल कारा छपरा में
मंडल कारा छपरा में वर्तमान में 1159 सजायफ्ता तथा विचाराधीन बंदी है, जिनमें महिलाओं की संख्या लगभग चार दर्जन है. ऐसी स्थिति में क्षमता से डेढ़ से पौने दो गुणे बंदियों के रहने के कारण तथा कुछ जर्जर वार्डों के कारण बंदियों को एक ओर जहां परेशानी होती है. वहीं जर्जर छत की वजह से अप्रिय हादसे की आशंका बनी रहती है. काफी पुराने मंडल कारा की छतों के समय-समय पर टूटकर गिरने के कारण बंदियों के जख्मी होने आदि की घटनाएं भी कारा में हो चुकी है.
कहते हैं काराधीक्षक
संवेदशील छपरा कारा की विधि-व्यवस्था तथा बंदियों की बुनियादी जरूरतों को बेहतर ढंग से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को इन सभी निर्माण एवं मरम्मती कार्यों के लिये प्राक्कलन तैयार करने हेतु पत्राचार किया गया है. वहीं जेल के पेरीमीटर वाल की ऊंचाई बढ़ने तथा वाच टावर के बढ़ने से जेल के भीतर या जेल के बाहर की गतिविधियों पर नजर रखने में कारा प्रशासन को सहूलियत होगी.
मनोज कुमार सिन्हा, काराधीक्षक, मंडल कारा, छपरा

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