पत्नी की हत्या के मामले में पति को आजीवन कारावास
25 सितंबर, 2013 को जला कर की थी हत्या छपरा(कोर्ट) : मायके से रुपये व आभूषण मांगकर नहीं लाने के कारण अपनी पत्नी को जला कर मार देने वाले पति को न्यायालय ने उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनायी है. मामला गड़खा थाना क्षेत्र के सारोसराय गांव का है जहां के निवासी प्रमोद प्रसाद की […]
25 सितंबर, 2013 को जला कर की थी हत्या
छपरा(कोर्ट) : मायके से रुपये व आभूषण मांगकर नहीं लाने के कारण अपनी पत्नी को जला कर मार देने वाले पति को न्यायालय ने उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनायी है. मामला गड़खा थाना क्षेत्र के सारोसराय गांव का है जहां के निवासी प्रमोद प्रसाद की 30 वर्षीया पत्नी व दो बच्चों की मां आरती देवी की पांच वर्ष पूर्व जला कर हत्या कर दी गयी थी. मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम अंजनी कुमार सिंह ने गड़खा थाना कांड संख्या 195/13 के सत्रवाद 482/15 में सजा के बिंदु पर सुनवाई की. इसमें सरकार की ओर से लोक अभियोजक सुरेंद्र नाथ सिंह व सहायक सुशांत शेखर ने आरोपित को कड़ी-से-कड़ी सजा दिये जाने को लेकर बहस की.
वहीं बचाव पक्ष के द्वारा कम-से-कम सजा दिये जाने का अनुरोध किया गया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपित गड़खा के सारोसराय निवासी प्रमोद प्रसाद को भादवि की धारा 302 के तहत सश्रम आजीवन कारावास और तीन हजार अर्थदंड जिसे नही देने पर दो माह अतिरिक्त सजा का आदेश दिया है. विदित हो कि प्रमोद ने 25 सितंबर, 2013 की रात आरती के शरीर पर केरोसिन उड़ेल कर आग लगा दी थी और स्वयं को निर्दोष साबित करने के लिए मरणासन्न आरती को पटना के एक अस्पताल में अपना नाम व पता बदल कर भर्ती करा दिया था.
आरती के जलने की बात उसके भाई को लगी और वह पता लगाते हुए उसके पास पहुंच गया जहां वह बेहोश पड़ी थी. आरती को कुछ समय के लिए होश आया और उसने पुलिस के समक्ष अपना मृत्यु पूर्व बयान दर्ज करवाया. वह इतनी बुरी तरह जली हुई थी कि पुलिस ने उसके बयान पर हाथ की जगह पैर के अंगूठे का निशान लगाया था.
आरती ने पति पर केरोसिन उड़ेलने व आग लगाने का और उसकी मां, पिता और बहन पर घटना को देखने का आरोप लगाया था.