स्लम में भी मनेगा आजादी का जश्न
छपरा : सारण की ऐसी बस्ती जो वर्षों से उपेक्षा का शिकार है, वहां के बच्चों में आजादी का उत्साह और ‘झंडा ऊंचा रहे हमारा’ की सोच देशभक्ति और तिरंगे के प्रति सम्मान का एक श्रेष्ठ उदाहरण है. शहर के राजेंद्र स्टेडियम के पीछे इस बस्ती के लोगों के पास न कोई आमदनी का ठिकाना […]
छपरा : सारण की ऐसी बस्ती जो वर्षों से उपेक्षा का शिकार है, वहां के बच्चों में आजादी का उत्साह और ‘झंडा ऊंचा रहे हमारा’ की सोच देशभक्ति और तिरंगे के प्रति सम्मान का एक श्रेष्ठ उदाहरण है. शहर के राजेंद्र स्टेडियम के पीछे इस बस्ती के लोगों के पास न कोई आमदनी का ठिकाना है और न ही अपने बच्चों को अच्छी परवरिश दे पाने का दृढ़ संकल्प.
बावजूद इसके अंतिम पायदान पर खड़े यहां के लोग स्वतंत्रता दिवस के इस सेलिब्रेशन में अपने सामर्थ्य के अनुसार शामिल होकर अग्रिम पंक्ति से तिरंगे को सलामी देने का प्रयास कर रहे हैं. बस्ती के बच्चों में 15 अगस्त को लेकर उत्साह है. सबने मिलकर अपने कस्बे की एक खाली जगह को साफ-सुथरा किया है. किसी के सहयोग से इन्हें पाइप और तिरंगा भी मिल गया है. इसी बस्ती के दो युवा प्रिंस कुमार और सुशील कुमार जो पढ़ेलिखे हैं उनके द्वारा बच्चों को राष्ट्रगान का अभ्यास भी कराया जा रहा है.