रिविलगंज में डायरिया पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद अस्पताल प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ चुका है. बीते रविवार की रात सदर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में आठ डायरिया पीड़ित मरीजों को रिविलगंज से रेफर किया गया. वहीं, पीकू वार्ड में इस समय 12 बच्चे एडमिट हैं. इंचार्ज डॉ संदीप कुमार ने बताया कि सभी बच्चों की स्थिति सामान्य है. एक-दो बच्चों में गंभीर लक्षण मिले थे, जिनके स्वास्थ्य की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है. सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि इमरजेंसी विभाग को अलर्ट मोड में रखा गया है. रात में आ रहे मरीजों की देखभाल के भी सभी इंतजाम किये जा रहे हैं. पर्याप्त मात्रा में दवा भी स्टॉक में रख ली गयी है. इमरजेंसी विभाग के सभी चिकित्सकों को निर्धारित समय पर ड्यूटी पर मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है. इधर, रविवार की रात से सोमवार की दोपहर के बीच सीएचसी में 40 से अधिक मरीज आये, जिनमें से करीब 30 मरीजों को सदर अस्पताल छपरा रेफर किया गया. डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि कई मरीज उल्टी, दस्त व पेट में दर्द की शिकायत लेकर आये थे. सभी मरीज गोदना के थे. चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार की देखरेख में गोदना पूरब टोला स्थित सामुदायिक भवन में कैंप लगाकर मरीजों की जांच की जा रही है. यहां 12 बेडों का चलंत मिनी अस्पताल भी खोला गया है. सात-आठ मरीज भर्ती हैं. डॉ राकेश कुमार ने कहा कि डायरिया से निबटने के लिए अस्पताल के एक-एक कर्मी लगे हुए हैं. उन्होंने ने कहा कि डायरिया के मरीजों की संख्या में कमी आयी है. गोदना डायरिया प्रभावित इलाके में कैंप लगाया गया है. वहीं गोदना डायरिया प्रभावित इलाके में पहुंची रिविलगंज नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी सुरभी सिन्हा ने कहा कि फिलहाल यहां नलजल की सप्लाइ रोक दी गयी है. पानी का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है. उन्होंने ने कहा कि डायरिया से निबटने के लिए प्रशासन हर बिंदु पर काम कर रहा है. प्रखंड कार्यालय कर्मी अजय कुमार ने डायरिया कैंप में उपस्थित मरीजों से हाल चाल जाना और बीडीओ लालबाबू पासवान को अवगत कराया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है