मिस्ड कॉल से शुरू हुई दोस्ती जब प्यार में बदला और फिर…
छपरा : प्यार अंधा होता है, यह कथन तो हम सभी ने सुना ही है. इसके साथ ही एक बार अगर कोई किसी के दिल में बस जाये तो फिर उसे भुलाना बड़ा मुश्किल होता है. वहीं, अगर इस प्रेम में दोनों की रजामंदी हो तो प्यार दोनों को खुद ब खुद खींचते हुए एक […]
छपरा : प्यार अंधा होता है, यह कथन तो हम सभी ने सुना ही है. इसके साथ ही एक बार अगर कोई किसी के दिल में बस जाये तो फिर उसे भुलाना बड़ा मुश्किल होता है. वहीं, अगर इस प्रेम में दोनों की रजामंदी हो तो प्यार दोनों को खुद ब खुद खींचते हुए एक मोड़ पर मिला ही देता है. कुछ ऐसा ही प्रकरण सारण जिला में देखने को मिला है. जहां, प्यार की ताकत ने दो प्रेमियों को एक बंधन में बंधने को मजबूर कर दिया. जो इससे पहले कभी एक-दूसरे को देखे भी नहीं थे. ये प्रकरण सुनने में भले ही फिल्मी लगे मगर सच यही है.
दरअसल, इस प्यार की कहानी लगभग आठ पहले शुरू हुई. जिला के जनता बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत बसहीं गांव टोले बलुआ पर निवासी कामेश्वर महतो की पुत्री नीतू कुमारी अपने मोबाइल से कहीं फोन लगा रही थी. मगर गलती से फोन पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत शिकारपुर थाना क्षेत्र के पंचमवा गांव निवासी विदेशी राम के पुत्र श्रीराम का लग गया. उसी दिन के बाद से दोनों के बीच फोन आने-जाने का सिलसिला शुरू हुआ. जिसके बाददोनों दोस्त बन गये. समय बीतने केसाथ ही दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गयी.
इसी क्रम में प्रेमी श्रीराम आठ महीने बाद अपने मोबाइल के गलत नंबर के माध्यम से बनी प्रेमिका नीतू को ढूंढते-ढूंढते बसहीं गांव के बलुआ टोला पहुंच गया. जहां उसका सामना ग्रामीणों से हुआ. जब उसकी बातें ग्रामीणों को अटपटी लगी तो ग्रामीणों ने उसे पकड़कर स्थानीय थाना को सौंप दिया. जब इस बात की जानकारी किसी तरह नीतू को मिली तो वह भी थाना पहुंच गयी. जहां, दोनों के बीच मोबाइल के माध्यम से हुए प्रेम प्रसंग खुलासा हुआ. जिसके बाद थानाध्यक्ष राकेश कुमार रंजन ने दोनों के परिजनों को बुलाया और दोनों के परिजनों की सहमति व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के उपस्थिति में दोनों को दांपत्य सूत्र में बंधवा दिया. दोनों प्रेमियों को श्री ढोंढनाथ मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हिन्दू रीति-रिवाज से विवाह कराया गया.