अपराधियों के निशाने पर रहे हैं बैंक, तीन बड़ी लूट को दे चुके हैं अंजाम
छपरा(कोर्ट) : गड़खा के कदना बाजार स्थित इलाहाबाद बैंक के गार्ड व वाहन चालक को जख्मी कर बैंक के 48 लाख रुपये की लूट के पूर्व भी अपराधियों द्वारा दो बड़ी लूट की घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है. सशस्त्र अपराधियों ने जहां वर्ष 2012 में स्टेट बैंक के 70 लाख रुपये को लूट […]
छपरा(कोर्ट) : गड़खा के कदना बाजार स्थित इलाहाबाद बैंक के गार्ड व वाहन चालक को जख्मी कर बैंक के 48 लाख रुपये की लूट के पूर्व भी अपराधियों द्वारा दो बड़ी लूट की घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है. सशस्त्र अपराधियों ने जहां वर्ष 2012 में स्टेट बैंक के 70 लाख रुपये को लूट लिया था तो वहीं उसके नौ महीने बाद पंजाब नेशनल बैंक के सवा करोड़ रुपये को लूट पूरे राज्य में सनसनी फैला दी थी. यह लूट राज्य की उस वक्त की सबसे बड़ी लूट की घटना थी.
बताते चलें कि वर्ष 2012 के 24 जुलाई को एक दर्जन अपराधियों ने सोनपुर के गंडक पुल के पश्चिमी भाग में हाजीपुर स्थित स्टेट बैंक की मुख्य शाखा से कैश लेकर आ रहे कैश वैन को रोक लिया था. वैन में कैश की सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड एवं अन्य कर्मी को बंधक बना उसमें रखे 70 लाख रुपये से भरे बॉक्स को लेकर फरार हो गये थे.
इस घटना के नौ महीने बाद तीन अप्रैल, 2013 को सशस्त्र अपराधियों ने जिला मुख्यालय स्थित पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य शाखा से जनता बाजार के लहलादपुर स्थित शाखा के लिए जा रहे सवा करोड़ रुपये को लूट लिया था. एक दर्जन से अधिक सशस्त्र अपराधियों ने बनियापुर-पैगंबरपुर मार्ग पर भवानी पेट्रोल पंप के आगे कैश ले जा रहे वाहन को ओवरटेक कर रोक लिया.
वाहन पर सवार गार्ड ने अपराधियों का विरोध किया तो उनलोगों ने दोनों गार्डों को गोली मारकर घायल कर उनकी बंदूक छीन ली थी और रुपये से भरे बॉक्स को लेकर फरार हो गये थे. उस वक्त के तत्कालीन एसपी सुजीत कुमार ने इन दोनों घटनाओं में संलिप्त एक दर्जन से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार किया था और उनके पास से लूट की रकम भी बरामद की थी.
सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से हो सकती थी अपराधियों की पहचान
लूट की घटना के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है. घटना के बाद जिस प्रकार से कुछ ही घंटे में जिले के सभी आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचकर देर शाम तक जांच में जुटे रहे. उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुलिस अपने एक्शन मूड में है. इलाके की कई संभावित जगहों पर पुलिस द्वारा छापेमारी भी की गयी है.
हालांकि बैंक के बाहर अगर सीसीटीवी कैमरे लगा होता तो अपराधियों के पहचान में सहूलियत होती. बताया जा रहा है कि बैंक के अंदर तो सीसीटीवी लगा है किंतु बाहर सीढ़ियों की ओर सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया है.