रसूलपुर (एकमा) / छपरा : जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र के घुरापाली गांव स्थित तिवारी टोले में रविवार की सुबह अज्ञात बाइक सवार हथियारबंद अपराधियों ने झारखंड में आतंक का पर्याय बने 40 वर्षीय अमरेंद्र तिवारी उर्फ रमेंद्र बाबा की गोली मारकर हत्या कर दी. मृतक चंद्रकेतु तिवारी का पुत्र बताया जाता है. अपराधियों ने घटना को उस वक्त अंजाम दिया, जब अमरेंद्र तिवारी अपने दरवाजे पर बैठकर हेयर डाइ करने के बाद दाढ़ी बना रहा था.
जानकारी के अनुसार, बाइक सवार दो अपराधी अमरेंद्र को घर से बुलाकर थोड़ी दूर ले गये और गोली मार दी. गोली अमरेंद्र के सिर पर लगी है. घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी मोबाइल, गले से सोने की चेन व सोने की अंगूठी भी लेते गये. सूत्रों की मानें तो अपराधी अमरेंद्र की पिस्टल भी लेकर फरार हो गये. स्थानीय लोगों के अनुसार, अपराधी 25 से 30 वर्ष के थे, जो एक सप्ताह से रोजाना अमरेंद्र से मिलने आते थे और घंटों बातचीत कर वापस लौट जाते थे. अमरेंद्र से मिलते समय दोनों अपराधी उसके पैर छूकर प्रणाम भी किया करते थे.
झारखंड के कई थानों में दर्ज हैं कई मामले
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अमरेंद्र के खिलाफ झारखंड के विभिन्न थानों में हत्या, लूट, आर्म्स एक्ट, अपहरण व रंगदारी के दर्जनों मामले लंबित थे. इनमें वह वर्षों से फरार चल रहा था. अमरेंद्र के खिलाफ दर्ज मामलों में रामगढ़ थाने में कांड संख्या 225/13, बोकारो में 104/09, रांची के आरमांझी में 52/12, पतरातू में 230/13, 129/08, 101/08, 230/13, भुरकुंडा में 104/09, बोकारो सेक्टर -4 में 164/ 13 समेत कई मामले दर्ज हैं. इन मामलों में अमरेंद्र के पैतृक गांव रसूलपुर थाना क्षेत्र के घुरापाली गांव में कुर्की-जब्ती भी पुलिस कर चुकी है. इस संबंध में थानाध्यक्ष रामसेवक राउत ने बताया कि अमरेंद्र आपराधिक गतिविधि का था, जिसकी तलाश झारखंड पुलिस को थी. झारखंड के विभिन्न थानों में इसके खिलाफ दर्जनों मामले लंबित हैं. हालांकि, यहां किसी भी प्रकार की उसके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं है.
अमरेंद्र के भाई धर्मेंद्र की भी वर्षों पूर्व हो चुकी है हत्या
अमरेंद्र चार भाइयों में सबसे छोटा भाई था. पिता हटिया के बिरसा चौक स्थित किसी मंदिर के पुजारी हैं जिस कारण पूरे परिवार का रांची में ही रहना होता था. अमरेंद्र ने रांची में ही प्रेम प्रसंग में विवाह रचाया था. उसको दो बेटियां व एक बेटा भी हैं. अमरेंद्र की आपराधिक गतिविधियां झारखंड के कई इलाकों में थीं. अमरेंद्र के भाई धर्मेंद्र तिवारी का चेहरा मिलता-जुलता था. इससे गलतफहमी के कारण वर्षों पूर्व अपराधियों ने धर्मेंद्र उर्फ सिपाही की हत्या रांची के हटिया में गोली मारकर कर दी थी.
विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में था अमरेंद्र
झारखंड से फरार चल रहे अमरेंद्र एकमा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की भी तैयारी में था, जिसे लेकर अपना साम्राज्य यहीं स्थापित करने में लगा था. वह अपने निवास पर रोजाना अपने चहेतों के साथ दरबार लगाया करता था. हालांकि, सारण के किसी भी थाने में अमरेंद्र के खिलाफ कोई भी मामला दर्ज नहीं है. इस कारण वह विगत छह महीनों से अपने पैतृक गांव घुरापाली में ही रह रहा था. इसी बीच अपराधियों ने घटना को अंजाम दे दिया.