पटना : लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद पटना, सारण और शाहाबाद इलाके में चहल-पहल तेज हो गयी है. इन इलाकों में लोकसभा की 13 सीटें आती हैं. पिछले चुनाव में जदयू को छोड़ यहां विपक्ष का खाता भी नहीं खुला था. जदयू उस समय विपक्ष में था और नालंदा की सीट पर उसे जीत हासिल हुई थी. इस बार जदयू एनडीए के साथ खड़ा है. इस लिहाज से सारी सीटें भाजपा और उसकी सहयोगी दलों को हासिल हुई थी.
पटना साहिब, पाटलिपुत्र, सीवान, गोपालगंज, सारण, महाराजगंज, बेगूसराय, आरा, बक्सर में भाजपा के उम्मीदवार जीते और हाजीपुर में लोजपा व जहानाबाद में रालोसपा के उम्मीदवार को जीत मिली. दोनों ही पार्टियां एनडीए के साथ थी. इस बार रालोसपा एनडीए से बाहर हो चुकी है. इस बार के चुनाव में एनडीए इन सभी सीटों पर अपना दोबारा परचम लहराने को बेताब है. एनडीए के सभी घटक दलों ने बूथ कमेटी के माध्यम से वोटरों के घर पर दस्तक देने की तैयारी की है.
वहीं, महागठबंधन के नेता अपनी दमदार उपस्थिति को लेकर सामाजिक समीकरण अपने पक्ष में मजबूत करने को योजना को मूर्त रूप दे रहे हैं. पटना साहिब की सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के बगावती तेवर के बाद एनडीए को नये उम्मीदवार की तलाश है. पाटलिपुत्र की सीट पर उम्मीदवारों में बदलाव की संभावना जतायी जा रही है. महागठबंधन में यह सीट राजद के ही रहने की उम्मीद है.
जबकि, एनडीए में जदयू इस सीट पर दावा करता नजर आ रहा है. सारण प्रमंडल के सभी सीटों पर इस बार कांटे की टक्कर होने की उम्मीद हैं. पिछली दफा राजद का यहां खाता भी नहीं खुल पाया था. वहीं स्थिति हाजीपुर, आरा, बक्सर, जहानाबाद व बेगूसराय की रही है. बेगूसराय में एनडीए नये उम्मीदवार पर दांव लगायेगी. जबकि, महागठबंधन में राजद के तनवीर हसन को ही उम्मीदवार बनाने की चर्चा है. छपरा की सीट पर महागठबंधन में इस बार भी राबड़ी को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा है.