आरा : नगर का एकमात्र रेलवे ओवरब्रिज काफी जर्जर हो चुका है. जर्जर ओवरब्रिज हादसे को निमंत्रण दे रहा है. ओवरब्रिज से काफी संख्या में गाड़ियां प्रतिदिन गुजरती हैं. इसके साथ ही रेलवे ओवरब्रिज को जोड़ने वाली प्रदेश सरकार द्वारा निर्मित पहुंच पथ की भी स्थिति दयनीय है.
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वर्षों पुराना रेलवे पुल हो चुका है जर्जर
आरा : नगर का एकमात्र रेलवे ओवरब्रिज काफी जर्जर हो चुका है. जर्जर ओवरब्रिज हादसे को निमंत्रण दे रहा है. ओवरब्रिज से काफी संख्या में गाड़ियां प्रतिदिन गुजरती हैं. इसके साथ ही रेलवे ओवरब्रिज को जोड़ने वाली प्रदेश सरकार द्वारा निर्मित पहुंच पथ की भी स्थिति दयनीय है. इससे नगरवासियों सहित जिले के अन्य क्षेत्रों […]
इससे नगरवासियों सहित जिले के अन्य क्षेत्रों व बाहर से आनेवाली वाहनों को काफी परेशानी हो रही है. इसके बाद भी पथ निर्माण विभाग व रेल विभाग द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इनके उदासीन रवैये के कारण लोगों का जीवन खतरे में है.
80 के दशक में बना था रेलवे ओवरब्रिज : रेलवे ओवरब्रिज काफी पुराना है. इसे 80 के दशक में बनाया गया था. पश्चिमी रेलवे गुमटी पर ट्रैफिक के भारी दबाव को देखते हुए ओवरब्रिज का निर्माण कराया गया था ताकि लोगों को परेशानी नहीं हो सके.
सड़क पर वाहनों का दबाव नहीं हो सके. वहीं सड़क जाम नहीं लग सके. वर्षों बाद बिहार सरकार द्वारा पहुंच पथ बनाने के बाद ही रेलवे ओवरब्रिज का उपयोग शुरू हुआ. प्रदेश सरकार द्वारा पहुंच पथ का निर्माण वर्ष 2010 में कराया गया था.
विडंबना यह है कि जब प्रदेश सरकार के पथ निर्माण विभाग द्वारा पहुंच पथ का निर्माण कराया गया, तब तक वर्षों पहले बना रेलवे ओवरब्रिज काफी क्षतिग्रस्त हो चुका था. हालात यह है कि पुल के किनारे बनाये गये फुटपाथ की स्थिति भी काफी दयनीय है. यह जगह-जगह टूट गया है. इसमें घास निकल आये हैं.
ओवरब्रिज से प्रतिदिन गुजरती हैं हजारों गाड़ियां : ओवरब्रिज का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि इस ऊपरी पुल से प्रतिदिन हजारों गाड़ियां गुजरती हैं. नगर को इस ऊपरी पुल के कारण यातायात के दबाव से काफी सुविधा होती है.
रेलवे ऊपरी पुल से उत्तर प्रदेश के कई जिलों सहित बिहार के कैमूर, बक्सर, रोहतास, अरवल व पटना से आनेवाले वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं. पटना से आने तथा बक्सर की तरफ जानेवाली गाड़ियां इस पुल से होकर नगर के बाहर से निकल जाती है.
वही बक्सर तरफ से आने वाली गाड़ियां नगर में प्रवेश किये बिना ही पुल के माध्यम से पटना व सासाराम की तरफ चली जाती है. सासाराम ,सहार, अरवल, जहानाबाद से आनेवाली गाड़ियां भी नगर के बाहर से ही बक्सर की तरफ चली जाती है. इससे ट्राफिक व्यवस्था को ठीक रखने में काफी मदद मिलती है.
पुल में बन गये हैं कई जगह गड्ढे : रेलवे ऊपरी पुल में कई जगह गड्ढे बन गये हैं, जिससे लगातार खतरा बना रहता है. कई बार वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं. वहीं पुल की दोनों तरफ बनाया गया पैदल पथ काफी जर्जर हो चुका है. पैदल पथ लगभग एक दर्जन से अधिक जगह टूट कर गिर गया है. इसकी स्थिति ऐसी है कि लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. फिर भी रेल विभाग सुस्त पड़ा हुआ है.
क्या कहते हैं नगरवासी
ऊपरी पुल काफी जर्जर हो चुका है. कभी भी हादसा हो सकता है. रेल विभाग द्वारा इस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है.
राहुल तिवारी
रेलवे ऊपरी पुल नगर के लिए काफी महत्वपूर्ण है, पर वर्षों पहले बनाये गये पुल की मरम्मत नहीं होने से स्थिति काफी दयनीय है .
यमुना सिंह
पुल की जर्जर स्थिति के कारण आने -जाने में भय बना रहता है. रेल विभाग द्वारा इसकी मरम्मत की जानी चाहिए.
राजकुमार ओझा
रेल ऊपरी पुल का समय-समय पर निरीक्षण होना चाहिए व उसकी मरम्मत होनी चाहिए ताकि किसी तरह की परेशानी नहीं हो, पर ऐसा नहीं किया जा रहा है.
नरेंद्र कुमार
क्या कहते हैं अधिकारी
मामला संज्ञान में नहीं था. संज्ञान में आने के बाद आइओडब्लू को भेजा जायेगा. आइओडब्लू की रिपोर्ट आने के बाद इस पर कार्रवाई की जायेगी व पुल की मरम्मत की जायेगी.
संजय कुमार प्रसाद, पीआरओ ,दानापुर डिवीजन
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