पिता-पुत्र को सात साल का सश्रम कारावास

छपरा : पशु द्वारा फसल खाने को लेकर पशु के मालिक व उसके पुत्र पर धारदार हथियार से प्रहार कर जानलेवा हमला करने के मामले में न्यायालय ने पिता-पुत्र को सश्रम कारावास व जुर्माने की सजा सुनायी है. व्यवहार न्यायालय के एडीजे पंचम धर्मेंद्र कुमार झा ने बुधवार को मशरक थाना कांड संख्या 61/17 के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2019 1:34 AM

छपरा : पशु द्वारा फसल खाने को लेकर पशु के मालिक व उसके पुत्र पर धारदार हथियार से प्रहार कर जानलेवा हमला करने के मामले में न्यायालय ने पिता-पुत्र को सश्रम कारावास व जुर्माने की सजा सुनायी है.

व्यवहार न्यायालय के एडीजे पंचम धर्मेंद्र कुमार झा ने बुधवार को मशरक थाना कांड संख्या 61/17 के सत्रवाद 516/17 में अंतिम सुनवाई की. सजा के बिंदु पर बचाव पक्ष की ओर से कम से कम सजा दिये जाने का, तो लोक अभियोजक सुरेंद्र नाथ सिंह व सहायक सुशांत शेखर द्वारा कड़ी सजा दिये जाने का आग्रह किया गया.
दोनों पक्षों की सुनने के उपरांत न्यायाधीश ने आरोपित मशरक के बंगरा निवासी जयकिशुन मांझी और उसके पुत्र सोनू कुमार मांझी को भादवि की धारा 307/34 में सात सात वर्ष सश्रम कारावास व पांच-पांच हजार अर्थदंड, जिसे नहीं देने पर चार माह अतिरिक्त की सजा सुनाई है.
वहीं एक आरोपित पप्पू मांझी को धारा 323 के तहत एक वर्ष व एक हजार जुर्माने की सजा सुनायी है. ज्ञात हो कि बंगरा निवासी दारोगा मांझी ने 14 मार्च, 2017 को जख्मी हालत में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें उसने अपने ग्रामीण उपरोक्त तीनों के अलावा अन्य को नामजद अभियुक्त बनाया था.
आरोप में कहा था कि उसकी गाय जयकिशुन मांझी की फसल चर गयी जिसे वे पकड़ कर अपने दरवाजे पर बांध दिये. वह अपनी गाय लेने गया तो उसके साथ मारपीट करने लगे, उसे बचाने के लिए उसका पुत्र जयप्रकाश मांझी आया तो सभी ने मिलकर उसे भी पीटा और अपने पिता के कहने पर सोनू ने धारदार हथियार से जयप्रकाश की गर्दन पर ताबड़तोड़ कई वार किये, जिससे उसकी गर्दन कट गयी और वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया. ग्रामीणों ने दोनों पिता पुत्र को बचाया औरसदर अस्पताल लाये, जहां दोनों का उपचार हुआ.

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