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सारण में कार्यकर्ता मुखर, मतदाता हैं मौन, राजग व महागठबंधन में होगी सीधी लड़ाई, राबड़ी खुद ले रही हैं फीडबैक
ठाकुर संग्राम सिंह 21 सीटों में राजद 11 सीटों पर लड़ेगा चुनाव दिलचस्प होगा इस लोकसभा सीट का मुकाबला छपरा : धर्म-कर्म व मोक्ष की नगरी के रूप में प्रसिद्ध सारण का राजनीति के क्षेत्र में भी काफी समृद्ध इतिहास रहा है. यहीं पर हरिहर क्षेत्र सोनपुर में ग्राह से गज (घड़ियाल से हाथी) को […]
ठाकुर संग्राम सिंह
21 सीटों में राजद 11 सीटों पर लड़ेगा चुनाव
दिलचस्प होगा इस लोकसभा सीट का मुकाबला
छपरा : धर्म-कर्म व मोक्ष की नगरी के रूप में प्रसिद्ध सारण का राजनीति के क्षेत्र में भी काफी समृद्ध इतिहास रहा है. यहीं पर हरिहर क्षेत्र सोनपुर में ग्राह से गज (घड़ियाल से हाथी) को बचाने के लिए भगवान विष्णु अवतरित हुए थे.
वहीं इसी संसदीय क्षेत्र के रिविलगंज में अहिल्या का उद्धार भगवान राम ने किया था. गौतम ऋषि की तपोभूमि और दधीचि ऋषि भी यहीं के थे. लोक कलाकार भिखारी ठाकुर अपनी कला के माध्यम से सारण का मान बढ़ा चुके हैं. लोकनायक जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति का इतिहास यहां की धरती के चप्पे-चप्पे को आज भी ऊर्जावान बनाये हुए है. हालांकि, इस बार लोकसभा चुनाव में 12 उम्मीदवार अपनी गोटी खेलने की मशक्कत कर रहे हैं.
लेकिन, मुख्य मुकाबला एनडीए प्रत्याशी भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद राजीव प्रताप रूडी और महागठबंधन के प्रत्याशी व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद-राबड़ी देवी के समधी चंद्रिका राय के बीच ही दिखायी दे रहा है. चंद्रिका राय इसी संसदीय क्षेत्र के परसा से विधायक हैं. वे पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय के पुत्र हैं. दोनों गठबंधनों के दिग्गज नेताओं की यहां सभा हो चुकी है. इससे दोनों गठबंधन के कार्यकर्ता जहां मुखर हैं, वहीं मतदाता अब भी खामोश हैं.
छह विधानसभा क्षेत्र हैं इसमें शामिल
सारण संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें छपरा से भाजपा के डॉ सीएन गुप्ता, गड़खा सुरक्षित क्षेत्र से राजद के मुनेश्वर चौधरी, मढ़ौरा से राजद के जितेंद्र कुमार राय, अमनौर से भाजपा के शत्रुघ्न तिवारी, परसा से राजद के चंद्रिका राय व सोनपुर से राजद के ही प्रो रामानुज प्रसाद विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं.
स्थानीय मुद्दों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे भी हैं यहां हावी
लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मतदाता व कार्यकर्ता राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों के अलावे स्थानीय मुद्दों जैसे बेहतर सड़क, दियारा क्षेत्रों में आजादी के बाद पहली बार पहुंची बिजली, लगभग हरेक प्रखंडों में पावर सब स्टेशन की स्थापना आदि पर चर्चा कर एनडीए के विकास की चर्चा कर रहे हैं. वहीं मढ़ौरा में डीजल इंजन कारखाना, बेला में रेल चक्का फैक्टरी को दोनों गठबंधन अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि यहां बेरोजगारी, छपरा शहर में जल जमाव, सिंचाई की बेहतर व्यवस्थानहीं होने, टोपो लैंड की चर्चा कर प्रत्याशियों से उनके प्रयासों परआश्वासन चाह रहे हैं.
इस बार लालू परिवार का कोई सदस्य उम्मीदवार नहीं
लगभग तीन दशक से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के इर्द-गिर्द घूमने वाली सारण की राजनीति में पहला मौका है, जब न लालू और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ रहा हैं.
पिछले लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी लोकसभा का चुनाव लड़ी थीं, सफलता नहीं मिली और राजीव प्रताप रूडी चुनाव जीत गये थे.
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