जेइ, तीन पंचायत सचिव समेत छह से शो-कॉज

छपरा (सदर) : मढ़ौरा, तरैया, इसुआपुर आदि प्रखंडों में पदाधिकारियों की टीम द्वारा सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल-जल, मनरेगा, शौचालय निर्माण कार्यों की जांच के दौरान बड़े पैमाने पर मिली अनियमितताओं को ले डीएम सुब्रत कुमार सेन ने एक कनीय अभियंता, तीन पंचायत सचिव तथा दो जन सेवक से जवाब तलब किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2019 4:52 AM

छपरा (सदर) : मढ़ौरा, तरैया, इसुआपुर आदि प्रखंडों में पदाधिकारियों की टीम द्वारा सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल-जल, मनरेगा, शौचालय निर्माण कार्यों की जांच के दौरान बड़े पैमाने पर मिली अनियमितताओं को ले डीएम सुब्रत कुमार सेन ने एक कनीय अभियंता, तीन पंचायत सचिव तथा दो जन सेवक से जवाब तलब किया है. साथ ही सात दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है. यदि सात दिनों के अंदर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता, तो इनके खिलाफ चयन मुक्त करने या अन्य विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी है.

जिन कर्मियों को जवाब तलब किया गया है, उनमें इसुआपुर में प्रतिनियुक्त कनीय अभियंता मो. असर, मढ़ौरा के रामपुर पंचायत के पंचायत सचिव हरेंद्र राम, भुआलपुर पंचायत के पंचायत सचिव अविनाश कुमार अकेला, मुबारकपुर पंचायत के पंचायत सचिव शिवजी प्रसाद, तरैया प्रखंड की माधोपुर पंचायत के जनसेवक उमाशंकर गिरि, मढ़ौरा प्रखंड के ओल्हनपुर पंचायत के जनसेवक योगेंद्र राय शामिल हैं.
हालांकि इन विभिन्न योजनाओं में या इसके पूर्व बनियापुर प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में जांच के दौरान डीएम द्वारा बनियापुर के बीडीओ, बीपीआरओ, दो जेइ से जवाब-तलब किया गया था. वहीं सवा करोड़ रुपये संवेदक के खाते में नियम के विरुद्ध ट्रांसफर करने के मामले में महिला संवेदक के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करने का आदेश दिया गया था.
परंतु अब तक इन मामलों में किसी भी पंचायत के संबंधित जनप्रतिनिधि या वार्ड क्रियान्वयन समिति के सदस्यों के खिलाफ जवाब-तलब नहीं किया गया है जबकि राशि-निकासी या पांच से छह वार्डों के हर घर नाली-गली तथा नल-जल योजना की राशि संवेदक के खाते में हस्तांतरण के मामले में जनप्रतिनिधि भी कहीं-न-कहीं जिम्मेदार हैं.
इसे लेकर पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों में प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर जहां चर्चाएं हैं, वहीं पंचायत में विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन में लगे कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों में जहां हड़कंप है, वहीं अधिकतर अनियमितताओं के जिम्मेदार कुछ जनप्रतिनिधियों की बल्ले-बल्ले है. इसे लेकर आम जन भी अपनी-अपनी तरह से प्रशासनिक कार्रवाई की चर्चा कर रहे हैं.

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