कूड़ा फैलाने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर लगेगा जुर्माना
छपरा : छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को बोर्ड की बैठक का आयोजन किया गया. निगम सभागार में आयोजित बैठक लगभग चार घंटे तक चली. इस दौरान बोर्ड ने शहर को लेकर कई अहम फैसले लिये. साथ ही साथ बैठक में तमाम नगर निगम पदाधिकारी के साथ-साथ सभी वार्ड […]
छपरा : छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को बोर्ड की बैठक का आयोजन किया गया. निगम सभागार में आयोजित बैठक लगभग चार घंटे तक चली. इस दौरान बोर्ड ने शहर को लेकर कई अहम फैसले लिये. साथ ही साथ बैठक में तमाम नगर निगम पदाधिकारी के साथ-साथ सभी वार्ड पार्षद उपस्थित रहे. इस अवसर पर पिछली बार की हुई बैठक की संपुष्टि की गयी.
साथ ही साथ शहर में चल रही योजनाओं के साथ-साथ विभिन्न कार्यों पर चर्चा की गयी. इस दौरान बोर्ड के कई प्रस्ताव पारित किये. बैठक के दौरान शुरू से ही वार्ड पार्षदों के बीच काफी गहमागहमी देखने को मिली. पार्षदों ने निगम अधिकारियों से लंबित कार्यों को लेकर कई सवाल पूछे.
जुर्माने का प्रावधान करने का निर्णय
शहर में नगर निगम बोर्ड ने कूड़ा फैलाने वालों के लिए एक बड़ा फैसला पास किया है. इसके तहत कोई भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान आदि सड़क पर कूड़ा फेंकते हैं, तो उनके खिलाफ दो हजार रुपये का फाइन लगाया जायेगा. निगम का कहना है कि डोर टू डोर सर्विस शहर में शुरू कर दी जाती है कि अब वह सड़क पर कूड़ा नहीं फेंकेंगे.
अगर वो ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. साथ ही साथ अर्थदंड भी लगाया जायेगा. इसके इसके तहत तमाम होटल, रेस्टोरेंट के साथ साथ दुकानदार व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को रखा गया है. बोर्ड के इस फैसले का सभी सदस्यों ने स्वागत किया.
यही नहीं, सड़क पर बालू, गिट्टी, ईंट छोड़ने पर भी नगर निगम दो हजार फाइन लगायेगा. पार्षदों की मांग थी कि लोगों द्वारा सड़क पर अतिक्रमण किया जा रहा है. लोग मनमाने ढंग से बालू, गिट्टी गिराकर छोड़ देते हैं, जिससे सड़क पर जाम लगता है तथा आम लोगों को समस्या होती है. बोर्ड ने ऐसा करने वालों पर दो हजार रुपया फाइन लगाने का प्रस्ताव पारित किया.
लिये गये कई निर्णय : बोर्ड की बैठक में कई और मुख्य निर्णय लिये गये. इसके तहत तमाम टेंडरों का शीघ्र ही कार्य आदेश जारी करने का फैसला लिया गया. वहीं शहर के विभिन्न भागों में नगर निगम द्वारा लगायी गयी लाइट की मरम्मत का निर्देश दिया गया.
शहर में एलइडी लाइट लगा रही कंपनी इइ एसएल के भुगतान पर रोक लगाने पर भी प्रस्ताव पास किया गया. पार्षदों ने कंपनी पर आरोप लगाया था कि इस योजना में कंपनी लापरवाही कर रही है. इसके बाद निगम अधिकारियों ने ने कहा कि कंपनी के पेमेंट पर रोक लगायी जायेगी. इसके अलावा शहर में साफ-सफाई के लिए चार गेमजीन मशीन दो पेलोडर खरीदने का निर्णय लिया गया.
शहर में सफाई व्यवस्था दयनीय
गुरुवार को छपरा नगर निगम में हुई बोर्ड की बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा सफाई, जलजमाव व आवास योजना रहा. बैठक में वार्ड पार्षद उदय प्रताप सिंह मुन्ना ने ताबड़तोड़ कई सवाल किये. उन्होंने कहा कि शहर में आवास योजना लंबित पड़ी है.
इस पर निगम अधिकारी ने कहा कि आवास योजना के लिए खतियान, अंचल कार्यालय से निर्गत वंशावली, परिवार की सूची और शपथ पत्र एलपीसी के आधार पर दिया जा सकता है. इस पर पार्षद ने कहा कि यहां टोपोलैंड घोषित है.
इससे ब्लॉक से कागज निकलवाना मुश्किल है. उसके बाद पार्षदों की सहमति से होल्डिंग टैक्स के आधार पर आवास योजना के लाभुकों को लाभ देने की बात बनी. इसके बाद नगर निगम जल्द ही से विभाग के पास भेज कर इस पर कार्य कराया जायेगा.
गुरुवार को हुए बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने भी कई सवाल पूछे और काफी देर तक चर्चाएं की. शहर में काम कर रहे सफाई एनजीओ पर सवाल उठाया गया और कहा कि शहर में सफाई व्यवस्था बिल्कुल बेकार है. इस पर नगर निगम के अधिकारी ने कहा कि शहर में एकमात्र एनजीओ है, जिससे काम लिया जा रहा है.
यदि एनजीओ में ठीक से काम नहीं किया, तो अगली बार बोर्ड की बैठक करके एनजीओ को हटाने का प्रस्ताव पास कर दिया जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल एनजीओ 25 फीसदी ही काम कर रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि काम के अनुसार ही भुगतान किया जायेगा. पार्षदों ने कहा कि एनजीओ के पास उचित उपकरण और संसाधन भी नहीं है, फिर भी उन्हें काम दे दिया गया.
इस पर अपर नगर आयुक्त विजय कुमार उपाध्याय ने कहा कि शहर के एक ही सफाई एजेंसी है. अन्य सफाई व्यवस्था पर उन्होंने फिलहाल निगम के पास लेबरों की कमी है. जो है वह काम नहीं कर रहे हैं. यह निगम के लिए बड़ी समस्या है. लेबरों की टाइमिंग और हाजिरी पर सवाल उठे, तो निगम ने कहा कि इस पर जल्द ही बड़ा फैसला लिया जायेगा.