बनना था सुसज्जित पार्क, तब्दील हुआ जंगल में

छपरा : शहर के मध्य जिला स्कूल, छपरा के मुख्य भवन के उत्तर परिसर में ही केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत आकर्षक पार्क बनना था. वहीं विभागीय कारगुजारी के कारण 76 लाख की लागत से बनने वाला यह पार्क अब जंगल में तब्दील हो गया है. यहां शहरवासियों को तनाव से मुक्त होकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2019 7:44 AM

छपरा : शहर के मध्य जिला स्कूल, छपरा के मुख्य भवन के उत्तर परिसर में ही केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत आकर्षक पार्क बनना था. वहीं विभागीय कारगुजारी के कारण 76 लाख की लागत से बनने वाला यह पार्क अब जंगल में तब्दील हो गया है. यहां शहरवासियों को तनाव से मुक्त होकर चैन का पल गुजारने का सपना सरकारी निर्देश के बाद जगा था.

वहीं जंगल के कारण अब यहां सांप-बिच्छू आदि जहरीले, कीड़े-मकोड़े अपना आश्रय बनाये हुए हैं. नगर निगम के डूडा के तहत वर्ष 17-18 में इस योजना का शुभारंभ हुआ था, जिसमें टाइल्स, सुंदर फूल, जगह-जगह पर लोगों के बैठने के अलावा बेहतर रोशनी की व्यवस्था की जानी थी.
परंतु, घटिया कार्य के निर्माण को लेकर गत वर्ष छपरा में आयी विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने जांच के क्रम में कम से कम चार अनियमितताएं इस पार्क के निर्माण में पकड़ी. इनमें टाइल्स लगाने में अनियमितता, अतिरिक्त मिट्टी लाकर नहीं देने के कारण पार्क का एरिया काफी नीचे हो जाना, संपर्क मार्ग का निर्माण सही से नहीं होना आदि अनियमितताएं पायी थीं.
इसे लेकर विभाग में फाइलें दौड़ती रहीं. अब विभाग की ओर से आरोपमुक्त होने के बाद वर्तमान में डूडा के बदले बूडको के कार्यपालक अभियंता का कहना है कि प्राक्कलन समिति ने जो भी अनियमितताएं पकड़ी थीं, उन सभी अनियमितताओं को दूर कर लिया गया है. इस निर्माणाधीन पार्क की स्थिति देखने से लगता है कि आठ से 10 माह में कोई भी कार्य इस पार्क में नहीं हुआ है.
यहां जंगली घास जहां दो से ढाई फुट उपज आयी हैं, वहीं पार्क की बाउंड्री पर पसरने वाले जंगली पौधे अपना कब्जा जमाये हुए हैं. पार्क में जगह-जगह कुछ टाइल्स बिखरे पड़े हैं, जो कुछ पौधे लगाये जाने का दावा छपरा नगर निगम के बुडको के कार्यपालक अभियंता करते हैं. वे पौधे भी जंगली घास के सामने बौना साबित हो रहे हैं.
यही नहीं कराये गये कार्य की खराब गुणवत्ता के कारण कुछ कार्य अब मरम्मत की स्थिति में पहुंच गये हैं जो निश्चित तौर पर सरकार से मिली राशि का दुरुपयोग माना जायेगा. इस दिशा में नगर निगम प्रशासन एवं विभागीय पदाधिकारियों की कारगुजारियां भी जनता को मिलने वाली सुविधा से वंचित करने वाली मानी जायेगी.
बुडको के कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार पाठक ने कहा कि संवेदक को अभी 40 लाख रुपये ही भुगतान किया गया है. प्राक्कलन समिति की रिपोर्ट के आधार पर पार्क को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाया जायेगा.
एक पखवारे में भी परिवहन विभाग के भवन पर गिरा पेड़ नहीं हटा
छपरा (सदर). जिला परिवहन पदाधिकारी कार्यालय के पश्चिम छोर पर निर्मित वाहन शेड पर विगत एक पखवारे से जंगली पेड़ गिरा हुआ है. इससे वाहन शेड तो क्षतिग्रस्त हो ही गया है, साथ ही पश्चिम की दीवार में दरार पड़ गयी है. परंतु, वन विभाग ने इस पेड़ को हटाने की अब तक जरूरत नहीं समझी. इस संबंध में जिला परिवहन पदाधिकारी जयप्रकाश नारायण से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसकी सूचना वन विभाग को दी गयी है.
निश्चित तौर पर पेड़ गिरने तथा अब तक नहीं हटाये जाने से वाहन शेड तथा दीवार की क्षति का दायरा बढ़ता जा रहा है. मालूम हो कि आये दिन जगह-जगह सरकारी पेड़ों के गिरने या टूटने के बाद सरकार के द्वारा ट्रांसप्लांटेशन की व्यवस्था की गयी है. इस कार्य को वन विभाग को कराना है. इस संबंध में डीएफओ लक्ष्येंद्र पड़ित ने कहा कि परिवहन विभाग के वाहन शेड पर गिरे पेड़ को हटाने तथा उसे ट्रांसप्लांट करने की दिशा में शीघ्र ही आवश्यक निर्णय लिया जायेगा.

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