छपरा (सदर) : जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थी को गोल्डेन कार्ड बनाने में कई कॉन सर्विस सेंटर (वसुधा केंद्र) द्वारा नाजायज वसूली तथा सरकार से जारी सूची में नाम नहीं रहने के बावजूद फर्जी कार्ड बना दिया जा रहा है. इससे हजारों लोगों के आयुष्मान भारत के नाम पर बनाये गये कार्ड जांच के दौरान गलत पाये जा रहे हैं.
ऐसा ही एक मामला गुरुवार को आयुष्मान भारत के सारण प्रमंडल के क्षेत्रीय समन्वयक संजय कुमार तथा उनके एक सहयोगी राजीव कुमार द्वारा जांच के दौरान सलेमपुर मुहल्ले में पकड़ा गया.
समन्वयक संजय कुमार के अनुसार, जिस वसुधा केंद्र के द्वारा आयुष्मान भारत का कार्ड अब तक 6857 बनाने के बाद स्वीकृत किये गये हैं. वहीं 516 आयुष्मान भारत के गोल्डेन कार्ड जांच के दौरान अस्वीकृत किये गये हैं. उन्होंने कहा कि इन सभी कार्ड को अस्वीकृत करने की वजह बिना पर्याप्त कार्ड इनका आधार कार्ड संबंधित कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक द्वारा बनाया जाना है.
उन्होंने कहा कि सीएससी के आइडी नंबर 630237430016 के द्वारा बड़े पैमाने पर आयुष्मान भारत के गोल्डेन कार्ड गलत बनाये जाने के मामले में जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में गठित शिकायत कोषांग में भेजकर कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी.
उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के पास गत वर्ष 2011 में आर्थिक एवं सामाजिक जनगणना के आधार पर राशन कार्ड प्राप्त है तथा केंद्र सरकार के द्वारा उनका आयुष्मान भारत योजना के लिए चयन किया गया है तथा ग्रीन कार्ड उनके नाम से भेजा गया है.
उसी परिवार के मुखिया के नाम से आयुष्मान भारत के गोल्डेन कार्ड बनेगा. मालूम हो कि आम लोगों से ब्लैक एंड व्हाइट कार्ड बनाने के नाम पर 30 रुपये तथा कलर कार्ड बनवाने के लिए 50 से 60 रुपये तक की वसूली की जा रही है. जबकि सरकार के द्वारा इस गोल्डेन कार्ड के लिए 30 रुपये की राशि निर्धारित की गयी है.
ढाई लाख परिवारों का गोल्डेन कार्ड के लिए हुआ है चयन
केंद्र सरकार के आयुष्मान भारत योजना के तहत सारण जिले के ढाई लाख परिवारों का चयन आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डेन कार्ड बनाने के लिए चयन की बात क्षेत्रीय समन्वयक संजय कुमार ने बतायी. उन्होंने कहा कि इसके तहत 13 लाख 30 हजार 225 व्यक्ति लाभान्वित होंगे.
जिस व्यक्ति के पास राशन कार्ड है, वे अपना राशन कार्ड ले जाकर राशन कार्ड सदर अस्पताल या अन्य प्रखंडों में बने कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर अपने परिवार के मुखिया के नाम का जांच कर सकते हैं कि उनके परिवार का चयन आयुष्मान भारत योजना के तहत हुआ है कि नहीं. जिन परिवारों का नाम आयुष्मान भारत योजना के तहत चयन हुआ है.
उनके सभी सदस्य को सारण जिले के सदर अस्पताल के अंतर्गत 15 प्रखंडों के सरकारी हॉस्पिटल, दरियापुर प्रखंड स्थित अखंड ज्योति निजी अस्पताल में पांच लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज गोल्डेन कार्ड दिखाकर कराया जा सकता है. वहीं ऐसे परिवारों में यदि नये बच्चे का जन्म होता है या नयी बहू आती है, तो उसका नाम भी आयुष्मान भारत कार्ड में जोड़ा जायेगा.
इधर केंद्र सरकार के द्वारा आंगनबाड़ी की सभी सेविका-सहायिकाओं तथा आशा का डाटा भी मांगा गया है. ऐसी स्थिति में उम्मीद है कि भविष्य में इन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सकता है. क्षेत्रीय समन्वयक ने स्पष्ट किया कि बिना किसी बहकावे में आकर बिना सूची में नाम देखे आयुष्मान भारत का कार्ड बनाने वालों पर विभाग की नजर है. वहीं आम जनता को भी ऐसे फर्जी तरीके से कार्ड बनाने वालों से सावधान रहने की जरूरत है.