गर्भनिरोधक साधनों के प्रति हों जागरूक

छपरा : बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य एवं जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन साधनों की उपयोगिता महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसको लेकर सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं. लेकिन सरकारी प्रयासों के इतर सामुदायिक सहभागिता भी परिवार नियोजन कार्यक्रमों की सफलता के लिए बेहद जरूरी है. दो बच्चों में अंतराल एवं शादी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2019 1:29 AM

छपरा : बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य एवं जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन साधनों की उपयोगिता महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसको लेकर सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं. लेकिन सरकारी प्रयासों के इतर सामुदायिक सहभागिता भी परिवार नियोजन कार्यक्रमों की सफलता के लिए बेहद जरूरी है.

दो बच्चों में अंतराल एवं शादी के बाद पहले बच्चे के जन्म में अंतराल रखने की सोच के बाद भी महिलाएं परिवार नियोजन साधनों का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं. इससे ही ‘अनमेट नीड’ में वृद्धि होती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विकासशील देशों में 21 करोड़ से अधिक महिलाएं अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना चाहती हैं लेकिन तब भी उनके द्वारा किसी गर्भनिरोधक साधन का उपयोग नहीं किया जाता है. इसके पीछे आम लोगों में परिवार नियोजन साधनों के प्रति जागरूकता का अभाव प्रदर्शित होता है.
क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की भूमिका
बिहार सर्वाधिक कुल प्रजनन दर वाले राज्यों की सूची में सबसे आगे है. सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे-2016 के आंकड़ों के अनुसार बिहार की कुल प्रजनन दर 3.3 है. इसका अर्थ है बिहार में प्रति महिला बच्चों की संख्या 3.3 है.
वहीं देश की कुल प्रजनन दर 2.2 है. इसे ध्यान में रखते हुए छोड़कर राज्य के 36 जिलों में परिवार नियोजन कार्यक्रम को विशेष प्रोत्साहित करने के लिए मिशन विकास परिवार की शुरुआत की गयी है.
इसके तहत गर्भनिरोधक साधनों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने पर बल दिया गया है. इसके लिए आशा एवं एएनएम को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान किया गया है. पहले जहां महिला एवं पुरुष नसबंदी के लिए उत्प्रेरक को 300 रुपये दिये जाते थे, अब प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर प्रति महिला नसबंदी 400 रुपये दिये जा रहे हैं.
जिले की स्थिति : राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार जिले में कुल 26.2 प्रतिशत अनमेट नीड है. आशय यह है कि जिले में 26.2 प्रतिशत महिलाएं बच्चों में अंतराल एवं परिवार सीमित करना चाहती हैं, लेकिन किसी कारणवश वह परिवार नियोजन साधनों का इस्तेमाल नहीं कर पा रही हैं जबकि जिले में 10.5 प्रतिशत ऐसी महिलाएं भी हैं जो बच्चों में अंतराल रखने के लिए इच्छुक है लेकिन फिर भी किसी परिवार नियोजन साधन का प्रयोग नहीं कर रही हैं.
ये हैं अनमेट नीड के कारण
परिवार नियोजन के प्रति पुरुषों की उदासीनता
सटीक गर्भनिरोधक साधनों की जानकारी नहीं होना
परिवार के सदस्यों या अन्य नजदीकी लोगों द्वारा गर्भनिरोधक का विरोधसाधनों के साइड इफेक्ट को लेकर भ्रांतियां
परिवार नियोजन के प्रति सामाजिक एवं पारिवारिक प्रथाएं
मांग के अनुरूप साधनों की आपूर्ति में कमी

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