तीन सदस्यीय टीम ने की जेल में बुनियादी सुविधाओं की जांच

छपरा (सदर) : पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोड़ के निर्देशानुसार तीन अधिवक्ताओं की टीम ने रविवार को मंडल कारा छपरा में लगभग ढाई से तीन घंटे तक जांच की. इस दौरान कॉपी कमेटी में शामिल अधिवक्ता सत्यवीर भारती, अंशुल व महिला अधिवक्ता धृति धैर्य ने मंडल कारा के पुरुष व महिला बंदियों, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2019 8:19 AM

छपरा (सदर) : पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोड़ के निर्देशानुसार तीन अधिवक्ताओं की टीम ने रविवार को मंडल कारा छपरा में लगभग ढाई से तीन घंटे तक जांच की. इस दौरान कॉपी कमेटी में शामिल अधिवक्ता सत्यवीर भारती, अंशुल व महिला अधिवक्ता धृति धैर्य ने मंडल कारा के पुरुष व महिला बंदियों, कारा प्रशासन के पदाधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों आदि से अलग-अलग बुनियादी सुविधाओं की जानकारी ली.

मालूम हो कि संवेदनशील मंडल कारा छपरा में बुनियादी सुविधाओं के घोर अभाव व क्षमता से ज्यादा बंदियों के होने को लेकर प्रमोद सिंह ने याचिका दायर की थी, जिसे लेकर हाइकोर्ट ने जांच का आदेश दिया था. इन अधिवक्ताओं को 10 दिसंबर से पूर्व जांच रिपोर्ट हाइकोर्ट को देना है.
मालूम हो कि मंडल कारा छपरा में क्षमता से लगभग ढाई गुणे बंदी विभिन्न मामलों में गिरफ्तार होकर आये है. इनमें विचाराधीन व सजायफ्ता पुरुष और महिला कुल 1350 बंदी है. इसके अलावा कारा में सुरक्षाकर्मियों की कमी, स्वास्थ्यकर्मियों की कमी की वजह से भी बंदियों के साथ कारा प्रशासन को परेशानी होती है.
अधिवक्ताओं की टीम ने जांच के दौरान आवास, शौचालय, जलापूर्ति, रौशनी, कैदियों की खाना बनाने के किचेन, कैंटिन, टेलिफोन बूथ आदि की व्यवस्था के अलावा बीडीओ कांफ्रेसिंग से बंदियों की पेसी प्रतिदिन बंदियों को छपरा कारा से छपरा व्यवहार न्यायालय में भेजे जाने की जानकारी भी ली. उच्च न्यायालय के निर्देश पर जांच के लिए आयी तीन सदस्यीय टीम को लेकर कारा प्रशासन के वरीय से लेकर कनीय पदाधिकारी व कर्मी सतर्क दिखे.

Next Article

Exit mobile version