तापमान में आयी गिरावट से जनजीवन बेहाल

छपरा : जिले में ठंड का प्रकोप जारी है. मंगलवार को न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक रिकॉर्ड किया गया. आने वाले दिनों में तापमान और नीचे आने की संभावना है. ठंड ने आम दिनचर्या को प्रभावित किया है. सर्द हवाओं के कारण घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है. वहीं स्कूल जाने वाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2019 12:56 AM

छपरा : जिले में ठंड का प्रकोप जारी है. मंगलवार को न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक रिकॉर्ड किया गया. आने वाले दिनों में तापमान और नीचे आने की संभावना है. ठंड ने आम दिनचर्या को प्रभावित किया है. सर्द हवाओं के कारण घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है.

वहीं स्कूल जाने वाले बच्चों को सर्द हवाओं के बीच जाना मजबूरी बन गयी है. वाहनों के परिचालन पर भी असर दिख रहा है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. बाजारों में कारोबार भी ठंड के कारण प्रभावित हुआ है. ठंड बढ़ने के बाद अधिकतर समय लोग घरों में ही दुबके रह रहे हैं. सरकारी बस स्टैंड पर भी दिनभर सन्नाटा पसरा रहा. वाहनों के परिचालन पर भी ब्रेक लग गया है.
बुजुर्गों को कनकनी और हवाओं से हो रही हैं मुश्किलें : जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया है. ठंड में गर्म कपड़े पहनने व अलाव जलाने से भी लोगों को थोड़ी राहत मिल रही है. मंगलवार को स्कूल और दफ्तर जाने वालों को ठंड से परेशानी बढ़ी. बच्चों और बुजुर्गों को कनकनी और हवाओं से मुश्किल हो रही है.
दिन में करीब 10 बजे कुछ देर के लिए धूप निकली थी. लेकिन थोड़ी हो देर में मौसम ने फिर से करवट बदल लिया. सुबह गांव देहात से आने वाले लोगों को ठंड से परेशानी हो रही है. छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया देवी ने बताया कि शहर में ठंड को देखते हुए अलग-अलग जगहों पर जल्द ही अलाव की व्यवस्था की जायेगी.
बाजारों में कारोबार भी ठंड के कारण हुआ है बाधित, ठंड और कनकनी से बढ़ीं मुश्किलें
बच्चों को हो रही कोल्ड डायरिया की समस्या
ठंड से सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों में देखी गयी है. ठंड के कारण सर्दी, खांसी, बुखार जैसी समस्यायें बढ़ी हैं.
छपरा सदर अस्पताल में प्रतिदिन ऐसे बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं, जिनमे कोल डायरिया की शिकायत देखी गयी है. मंगलवार को भी सदर अस्पताल के शिशु रोग विभाग में काफी भीड़ रही. ठंड के कारण मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर अस्पताल प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. ओपीडी में चिकित्सकों को इस संदर्भ में विशेष दिशा-निर्देश दिया गया है.

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