17 माह बाद हुई बीडीसी की बैठक

बनियापुर : 17 माह बाद आहूत पंचायत समिति सदस्यों की बैठक काफी शोर-शराबे एवं आरोप-प्रत्यारोप के बीच संपन्न हुई. बैठक में सदन के सदस्य एक लंबे समय के बाद बीडीसी की बैठक बुलाने को लेकर काफी आक्रोशित दिखे और उपस्थित पदाधिकारी सदस्यों के गंभीर आरोप को लेकर कोपभाजन बने. वहीं बैठक में उपस्थित कई पदाधिकारियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:49 PM

बनियापुर : 17 माह बाद आहूत पंचायत समिति सदस्यों की बैठक काफी शोर-शराबे एवं आरोप-प्रत्यारोप के बीच संपन्न हुई. बैठक में सदन के सदस्य एक लंबे समय के बाद बीडीसी की बैठक बुलाने को लेकर काफी आक्रोशित दिखे और उपस्थित पदाधिकारी सदस्यों के गंभीर आरोप को लेकर कोपभाजन बने.

वहीं बैठक में उपस्थित कई पदाधिकारियों को भी सदस्यों ने आड़े हाथ लेते हुए उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की संपुष्टि की. बैठक में पूर्व की बैठक की संपुष्टि पर 2013-2014 की वार्षिक कार्य योजना के क्रियान्वयन एवं चयन पर विशेष चर्चा की गयी. वहीं, कृषि संबंधी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम, पशुपालन, पेयजल शिक्षा एवं स्वास्थ्य एवं सरकार प्रायोजित कई योजनाओं के सही ढंग से क्रियान्वयन पर सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किये. बैठक की अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख राकेश शर्मा ने की.

वहीं, विचार व्यक्त करनेवालों में मुखिया सुरेश प्रसाद, श्रवण महतो, अलिउर रहमान, बीडीसी अजय प्रसाद सिंह थे. बैठक में बीडीओ पुष्पा लकड़ा, सीओ नवीन शर्मा, एलक्ष्ओ नीलिमा सहाय उपस्थित रहीं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग, कृषि, शिक्षा, बिजली, मनरेगा एवं बाल परियोजना जैसे महत्वपूर्ण विभागों से न तो कोई पदाधिकारी उपस्थित रहें, ना ही उनके कोई प्रतिनिधि, जिससे सदस्यों में काफी आक्रोश दिखा.

* बदल दिया गया बैठक स्थल
सदन के सदस्यों को जो पत्र निर्गत किया गया था, उस पर बैठक का स्थल अंचल कार्यालय स्थित डाटा कार्यालय अंकित था. मगर अचानक स्थल शिक्षक सदन निर्धारित किया गया एवं इसकी सूचना पूर्व निर्धारित स्थल पर नहीं थी. इसके चलते सदस्य खास कर महिला सदस्यों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. बैठक स्थल का पता लगाने के लिए सदस्य गरमी में यत्र-तत्र भटकते रहे.

* किया बैठक का बहिष्कार
पूर्व प्रखंड प्रमुख जब्बार हुसैन ने बीडीओ पर मनमौजी करने एवं एक लंबी अवधि बाद बैठक आहूत करने को औचित्य हीन करार देते हुए अपने आधे दर्जन समर्थकों के साथ बैठक का बहिष्कार किया.

उनका आरोप था कि जब बीडीओ द्वारा योजनाओं का चयन में मनमानी की जाती है. बैठक का कोई औचित्य नहीं है. ऐसे विगत 17 माह से सभी योजनाओं का चयन बगैर सदन के अनुमति एवं बगैर बैठक आहूत किया. फिर ऐसी क्या परिस्थिति उत्पन्न हुई की आनन-फानन में बैठक आहूत की गयी.

Next Article

Exit mobile version