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पीएचसी में हो रहा इलाज बाजार से खरीद रहे दवा

दिघवारा : अपनी बीमारी के इलाज की दवा खरीदने में मरीज व उसके परिजनों का हाल बेहाल है. यही है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दिघवारा में भरती मरीज का हाल. मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में न पूछे तो ही बेहतर. पॉकेट में रुपये न हो तो इलाज की कल्पना करना बेमानी है. बात […]

दिघवारा : अपनी बीमारी के इलाज की दवा खरीदने में मरीज व उसके परिजनों का हाल बेहाल है. यही है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दिघवारा में भरती मरीज का हाल. मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में न पूछे तो ही बेहतर. पॉकेट में रुपये न हो तो इलाज की कल्पना करना बेमानी है.

बात दवा उपलब्धता की जाये तो सुन कर आपको भी अचरज होगा कि इस सरकारी अस्पताल में ‘प्राथमिक उपचार’ की दवा तक उपलब्ध नहीं है. पीएचसी दिघवारा में बुखार व दर्द का टेबलेट उपलब्ध नहीं है. इतना ही नहीं, ओआरएस खत्म हुए तो अब महीने होने को हैं.

* सरकारी दवा उपलब्ध नहीं
बदलते मौसम में बुखार हो जाना आम बात है. ऐसे में बुखार व दर्द से पीड़ित मरीज इलाज कराने दिघवारा के पीएचसी में पहुंचते हैं तो इन मरीजों को अस्पताल प्रबंधन सरकारी दवा भी उपलब्ध नहीं करवा पाता है. आखिरकार बुखार व दर्द की दवा मरीजों को न मिलने पर सरकारी स्तर पर दवा की उपलब्धता के दावों की हवा निकलती दिखायी पड़ती है.

इतना ही नहीं, अगर डिहाइड्रेशन का शिकार मरीज अस्पताल इलाज कराने पहुंचता है, तो उसे एक ओआरएस का पाउच भी बाहरी दवा दुकानों से खरीद कर पीना पड़ता है. क्योंकि लगभग 20 दिनों से यहां ओआरएस भी उपलब्ध नहीं है.

* 200 मरीजों का प्रतिदिन इलाज
दिघवारा नगर पंचायत के 18 वार्डों सहित दिघवारा, दरियापुर व गड़खा प्रखंडों की कई पंचायतों के बीमार लोगों के इलाज का एक मात्र जरिया है पीएचसी दिघवारा.

इसके ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 200 मरीजों का इलाज होता है. ओपीडी में मौजूद डॉक्टर मरीजों के बुखार, दर्द व डिहाइड्रेशन की दवा तो लिखते हैं, जो बाहर से मरीजों व उसके परिजनों को खरीदने की विवशता है. पीएचसी प्रबंधन दवा में अनियमित आपूर्ति का ठीकरा जिले के अधिकारियों पर फोड़ कर अपने कर्तव्यों का इति श्री कर लेता है.

* मरीजों को कैसे होगा विश्वास
राइपट्टी के अखिलेश सिंह, बसतपुर के मो आजाद हुसैन, मानुपुर के आलोक दूबे दवा की अनुपलब्धता पर कहते हैं कि सरकार भले ही सरकारी अस्पतालों में दवा की उपलब्धता का दंभ भरे, मगर हकीकत है कि कभी भी चार्ट के अनुसार दवा उपलब्ध नहीं होता है. हेमतपुर के संजीव कुमार कहते हैं कि अगर बाहर से दवा न खरीदी जाये तो मरीज सरकारी दवा के इंतजार में ही इस दुनिया से चल बसेगा.

* जिला द्वारा दवा भेजी गयी है. सभी दवा काटरून में पैक है. जिस व्यक्ति को प्रभार दिया गया है, उसे भंडार में दवा नहीं मिल रही है. मैं छुट्टी से लौटते ही बुखार व दर्द निवारक दवाइयां उपलब्ध करवा दूंगा.
रणविजय सिंह, भंडारपाल

* प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दिघवारा
पीएचसी में पिछले 20 दिनों से ओआरएस उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा बुखार व दर्द निवारक दवाइयां मरीजों को क्यों नहीं मिल पा रही है. इसका पता लगा रहे हैं. अगर भंडार में दवाइयां है तो शीघ्र ही मरीजों को उपलब्ध करवाया जायेगा.
डॉ सुरेश कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दिघवारा

* जिले द्वारा आपूर्ति की जाने वाली दवाइयों का लाभ हर हाल में मरीजों को मिलना चाहिए. अगर दवाइयां स्टोर रूम में हो और मरीजों को इसका लाभ न मिले, तो वाकई यह खेद का विषय है.
रवींद्र कुमार सिंह, सदस्य
प्रखंड रोगी कल्याण समिति
दिघवारा, सारण

* पीएचसी दिघवारा में दवा उपलब्ध नहीं होने से मरीज परेशान
* मौसम बदलने से बुखार होना आम बात
* मगर 10 दिनों से पीएचसी में बुखार का टेबलेट उपलब्ध नहीं

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