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आधा दर्जन डाककर्मियों से जवाब तलब

छपरा (सारण) : वरिष्ठ डाक अधीक्षक वीवी शरण ने आधा दर्जन डाक कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा है. यह कार्रवाई डाक घर की राशि को मनमाने ढंग से कई बैंकों में खाता खोल कर उसमें जमा करने के मामले में की गयी है. बताते चलें कि पिछले वर्ष यह मामला उजागर होने के बाद डाककर्मी श्याम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:53 PM

छपरा (सारण) : वरिष्ठ डाक अधीक्षक वीवी शरण ने आधा दर्जन डाक कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा है. यह कार्रवाई डाक घर की राशि को मनमाने ढंग से कई बैंकों में खाता खोल कर उसमें जमा करने के मामले में की गयी है.

बताते चलें कि पिछले वर्ष यह मामला उजागर होने के बाद डाककर्मी श्याम बिहारी पांडेय को निलंबित किया गया था और उनके विरुद्ध नगर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी थी. प्रधान डाक घर से उपडाक घरों में राशि भेजने के लिए बैंकों में राशि रखी जाती है और राशि का ड्राफ्ट बनवा कर उपडाक घरों में मांग के आधार पर भेजा जाता है.

वरीय अधिकारियों के निर्देश पर एक बैंक में खाता होने के बावजूद डाककर्मी श्याम बिहार पांडेय ने दूसरे बैंकों में खाता खोल कर डाक विभाग की राशि जमा कर दी. इसमें लाखों रुपये का वारा-न्यारा भी हुआ. इसी को लेकर तत्कालीन वरीय डाक अधीक्षक ने जांच दल का गठन किया और जांच दल की रिपोर्ट आने के बाद आधा दर्जन डाककर्मियों से भारतीय डाक अधिनियम 16 के तहत जवाब तलब किया गया है.

वरिष्ठ डाक अधीक्षक की इस कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की चर्चा का बाजार गरम है. घपले-घोटाले को लेकर चर्चा में रहनेवाले डाक विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं. विभागीय सूत्रों का कहना है कि मामले की लीपा-पोती करने के लिए यह कार्रवाई शुरू की गयी है. पहले दोषी पाये गये डाककर्मी के खिलाफ अबतक आरोप पत्र समर्पित नहीं होना भी चर्चा का विषय है

* पूरी नहीं हो सकी जांच
प्रधान डाक घर से कई उपभोक्ताओं के खाते से लाखों रुपये की फर्जी निकासी के मामले की जांच का कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका है. करीब आधा दर्जन उपभोक्ताओं के खातों से लगभग 50 लाख रुपये की फर्जी निकासी की जांच का कार्य दो माह से चल रहा है.

इस मामले में नगर थाने में भी प्राथमिकी दर्ज है. फर्जी निकासी के लिए दोषी तीन डाककर्मियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है और तीन डाक निरीक्षकों की टीम को जांच की जिम्मेवारी दी गयी है. जांच रिपोर्ट में आने से विलंब होने तथा खाताधारकों की राशि का भुगतान नहीं किये जाने से उनमें निराशा व्याप्त है और डाक विभाग के अधिकारियों के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इस मामले में आरोपित डाक अभिकर्ता इंद्रदेव प्रसाद की गिरफ्तारी भी नहीं हो सकी है.

* जो लोग जांच के दायरे में आये हैं, उन पर कार्रवाई की गयी है, लेकिन उनका नाम सार्वजनिक करने से जांच कार्य बाधित होगा. जांच कई स्तरों पर हो रही है, इसलिए रिपोर्ट आने में देर लगेगी.
बीबी श्रीवास्तव
वरिष्ठ डाक अधीक्षक, सारण

* मामला डाक घर की राशि को बैंकों में रखने का
* पहले दोषी पाये गये डाककर्मी के खिलाफ अब तक नहीं समर्पित किया गया आरोप पत्र
* आरोपित डाक अभिकर्ता की अब तक नहीं हो सकी गिरफ्तारी

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