जिप अध्यक्ष के खिलाफ निकाली भड़ास

छपरा (सदर) : जिला पर्षद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बहस में उपस्थित उपाध्यक्ष समर्थक गुट के सभी 32 पार्षदों ने जम कर भड़ास निकाली. अध्यक्ष मेहनाज खातून की कार्यशैली व उसका प्रतिकूल प्रभाव जिला पर्षद के विकास पर पड़ने पर खूब चर्चा हुई. सभी उपस्थित सदस्यों ने अध्यक्ष की अनुपस्थिति में बैठक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2013 2:32 AM

छपरा (सदर) : जिला पर्षद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बहस में उपस्थित उपाध्यक्ष समर्थक गुट के सभी 32 पार्षदों ने जम कर भड़ास निकाली. अध्यक्ष मेहनाज खातून की कार्यशैली उसका प्रतिकूल प्रभाव जिला पर्षद के विकास पर पड़ने पर खूब चर्चा हुई.

सभी उपस्थित सदस्यों ने अध्यक्ष की अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता कर रहे उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद राय अन्य पदाधिकारियों के समक्ष कई आरोप अध्यक्ष पर लगाये. उधर, बैठक में अध्यक्ष या उनके समर्थक पार्षदों के नहीं रहने से बैठक पूरी तरह से एकपक्षीय शांतिपूर्ण रहा.

अध्यक्ष की उपस्थिति नहीं होने से बहस मतदान निर्धारित समय से पहले ही समाप्त हो गया. प्रारंभ से ही भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू इस बैठक में विरोधियों के हौसले बुलंद दिखे.

मुख्य गेट पूरी अवधि में रहा बंद : जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर जिला पर्षद के मुख्य गेट को ही बंद करा दिया गया था. इससे जिला पर्षद परिसर में स्थित आधा दर्जन कार्यालयों यथा डाकघर, सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय, स्थापना डीपीओ कार्यालय या जिला पर्षद के कार्यालय में अपने निजी काम से आनेवाले सैकड़ों लोगों को गेट पर तैनात जवानों द्वारा परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया. इससे कई को अपना बिना काम कराये ही वापस होना पड़ा.

नोट के बदले वोट की राजनीति हार की वजह: मेहनाज : अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विरोधी गुट की एक महिला पार्षद के पति द्वारा अपनी पत्नी को जिला पर्षद अध्यक्ष की कुरसी पर बैठाने के लिए नोट के बदले वोट की कारगुजारी को अंजाम दिया गया.

पूर्व में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद तथा महाराजगंज सांसद प्रभुनाथ सिंह का आशीर्वाद भी मिला था, वहीं उन नेताओं के स्नेह से हमारे पक्ष में पर्याप्त पार्षद भी थे. परंतु नोट के बदले वोट की राजनीति में कई पार्षद अपने वरीय नेताओं के सुझाव गुट की राजनीति को नजरअंदाज कर विरोधियों के साथ खड़े हो गये.

उन्होंने कहा कि नोट के बदले वोट की राजनीति में वे पीछे रहीं, फलत: आठ से 10 पार्षदों ने अचानक पासा पलट दिया. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर आहूत होनेवाली बैठक में शामिल नहीं होनेवाले अपने गुट के पार्षदों के प्रति आभार जताया, जिसमें विजय प्रताप सिंह चुन्नू, राजेंद्र सिंह, प्रभात कुमार सिंह, सुधा देवी, अनिता नवीन, शमीम अहमद, आलम आरा, जयप्रकाश साह, विजय नारायण सिंह, पूनम देवी, शंभु प्रसाद, रश्मि यादव शामिल हैं.

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