छपरा. नवरात्र को लेकर हर जगह धूम है. शहर की विभिन्न पूजा समितियों अपनी तैयारियों को भी तेज करती जा रही हैं. पूजा समितियों की ओर से पंडाल और मूर्ति निर्माण साज सज्जा आदि का काम युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है. पूजा को लेकर एक अलग ही उत्साह है. पूजा आयोजक इस बार कुछ खास करने के मूड में है. शायद यही कारण है कि शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर हर साल से कुछ अलग बड़े और आकर्षक पंडाल बनाए जा रहे है. वही जहां विभिन्न प्रसंगों पर आधारित प्रतिमाएं स्थापित होती है वहां की पूजा समितियां तैयारी में जुट गए हैं और पिछले साल की अपेक्षा कुछ खास कर रहे हैं. एक ऐसा ही प्रतिमा शहर के गांधी विद्यालय दौलतगंज रोड स्थित महंत सुखदेव दास सीताराम मठ में एक बार फिर स्थापित की जा रही है. यह विशाल प्रतिमा है सुरसा के मुख से हनुमान जी के निकलते दृश्य से संबंधित.
सुरसा का विकराल मुख :
इस प्रतिमा की खास बात यह है कि यह विशाल रूप में तैयार हो रही है. 7 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा सुरसा का मुख तैयार किया जा रहा है. जिससे वीर बजरंगबली निकलते हुए दिखाई देंगे. प्रतिमा को तैयार करने में दो कारीगर करीब 15 दिन से लगे हुए थे और एक दिन और लगेंगे इसे फाइनल टच देने में. स्थानीय निवासी अखिलेश नारायण उर्फ भृगु ने बताया कि हम तो बचपन से यही प्रतिमा देख रहे हैं और यह काफी आकर्षण का केंद्र होता है। नवरात्र के दौरान शहर के बच्चे इस प्रतिमा को देखना नहीं भूलते वे अपने माता-पिता के साथ प्रतिमा देखने आते हैं. लगभग 150000 की लागत आती है प्रतिमा निर्माण और पूजा अर्चना की प्रक्रिया में.49 सालों से बनायी जा रही सुरसा व बजरंगबली की प्रतिमा
इस पूजा समिति की इतिहास की बात करें तो यहां 1975 से पूजा की शुभारंभ हुई. सबसे पहले स्थानीय गणेश प्रसाद ने तीन साथियों के साथ जिनमें कामेश्वर प्रसाद, पशुपतिनाथ और उमेश कुमार के साथ पूजा की शुरुआत की थी. 1985 के बाद यह टीम बिखर गई और नए युवाओं ने पूजा कराने का कार्यभार संभाला इनमें स्वर्गीय सज्जन खन्ना,संजय कुमार सिंह, गणेश प्रसाद, राकेश कुमार पांडे उर्फ लाला, भृगु ,आज तक पूजा को सफल बनाने में लगे हुए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है