हत्या मामले में छह को उम्रकैद

एक आरोपित को मृत्यु होने तक कारावास की दी गयी सजा 29 फरवरी, 2012 को जमीन संबंधी विवाद में एक युवक की हत्या के मामले में सुनवाई करते न्यायाधीश ने आधा दर्जन आरोपितों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, इनमें एक आरोपित को मृत्यु होने तक कारावास की सजा सुनाई. छपरा (कोर्ट) : […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2015 12:06 AM
एक आरोपित को मृत्यु होने तक कारावास की दी गयी सजा
29 फरवरी, 2012 को जमीन संबंधी विवाद में एक युवक की हत्या के मामले में सुनवाई करते न्यायाधीश ने आधा दर्जन आरोपितों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, इनमें एक आरोपित को मृत्यु होने तक कारावास की सजा सुनाई.
छपरा (कोर्ट) : जमीन संबंधी विवाद में एक युवक की हत्या कर देने तथा कई लोगों को गंभीर रूप से जख्मी करने के मामले में न्यायालय ने आधा दर्जन आरोपितों को सश्रम कारावास व अर्थदंड की सजा सुनायी है.
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम रामाश्रया ने दिघवारा थाना कांड संख्या 37/12 के सत्रवाद संख्या 328/12 के छह आरोपितों दिघवारा थाना क्षेत्र के सैदपुर निवासी श्रवण भगत, रवींद्र भगत, छोटेलाल भगत, राजीव भगत, चुनमुन भगत और अरविंद भगत को सश्रम आजीवन कारावास व 10 हजार अर्थदंड, जिसे नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त की सजा सुनायी है. इसमें श्रवण भगत को भादवि की धारा 302 के तहत मृत्यु होने तक कारावास की सजा सुनायी गयी है. वहीं, बाकी पांचों को 302/149 के तहत सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.
अपर लोक अभियोजक प्रियरंजन सिन्हा ने बताया कि 29 फरवरी, 2012 को सभी आरोपितों ने हरवे-हथियार से लैस होकर सैदपुर गांव के लाल बहादुर सिंह, भरत सिंह, कृष्णा सिंह, जय प्रकाश सिंह और विनोद सिंह पर हमला बोल दिया था.
इसमें श्रवण भगत ने फरसा से भरत सिंह के सिर पर घातक प्रहार किया, जिसमें वह वहीं मरणासन्न हो गया था, बाकी लोग भी गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. भरत को उपचार के लिए पीएमसीएच ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. वहीं, अन्य को बचा लिया गया था.
इस मामले में लाल बहादुर सिंह ने दिघवारा थाने में उपरोक्त आरोपितों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी. ज्ञात हो कि 22 अप्रैल को इस मामले में न्यायाधीश ने सभी आरोपितों को दोषी करार दिया तथा उसके उपरांत श्रवण अपर लोक अभियोजक श्री सिन्हा को मारने के लिए लपका, जिसे सुरक्षा कर्मियों ने पकड़ लिया तो उसने उन्हें जेल से निकलने के उपरांत हत्या करने की धमकी दी थी.
इस मामले में एपीपी श्री सिन्हा ने सारण के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया है साथ ही एडीजे षष्टम को भी एक आवेदन समर्पित किया है. इस मामले में सरकार की ओर से लोक अभियोजक अजीत कुमार सिंह व एपीपी प्रियरंजन सिन्हा तथा बचाव पक्ष से प्रह्लाद सिंह ने दलीलें पेश की थी.

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