स्टेशन परिसर में की तोड़-फोड़

छपरा/दाउदपुर: छपरा-सीवान रेलखंड पर शनिवार को दूसरे दिन भी छात्रों के उत्पात के कारण ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहा साथ ही काफी यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. रेलकर्मियों को भी उत्पाती छात्रों के कारण दिक्कत ङोलनी पड़ी. इंटरसिटी पैसेंजर ट्रेन के विलंब से परिचालन के कारण छात्रों ने कई एक्सप्रेस ट्रेनों को दाउदपुर स्टेशन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2013 2:23 AM

छपरा/दाउदपुर: छपरा-सीवान रेलखंड पर शनिवार को दूसरे दिन भी छात्रों के उत्पात के कारण ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहा साथ ही काफी यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. रेलकर्मियों को भी उत्पाती छात्रों के कारण दिक्कत ङोलनी पड़ी. इंटरसिटी पैसेंजर ट्रेन के विलंब से परिचालन के कारण छात्रों ने कई एक्सप्रेस ट्रेनों को दाउदपुर स्टेशन पर रोकने का प्रयास किया.

एक्सप्रेस ट्रेनों को रोकने में विफल होने पर उत्पाती छात्रों ने ट्रेनों, स्टेशन भवन पर जम कर पथराव किया. स्टेशन प्रबंधक कक्ष, जनरेटर कक्ष, सिगनल कक्ष के दरवाजे-खिड़की को उत्पाती छात्रों ने क्षतिग्रस्त कर दिया. डाउन ग्वालियर मेल के आगमन के समय 7.15 बजे छात्रों ने सिगनल को तोड़ डाला. फिर भी ट्रेन नहीं रुकी तो मोबाइल पर कॉल करके ट्रेन में पहले से सवार छात्रों से चेन पुलिंग करा कर ट्रेन रोक दी गयी.

चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकने वाले उत्पाती छात्रों को रेलवे सुरक्षा बल ने छपरा जंकशन पर गिरफ्तार कर लिया जिनकी संख्या 25 है. स्टेशन प्रबंधक एमआइ अंसारी ने घटना की सूचना रेलवे अधिकारियों को दी. सूचना पाकर रेलवे सुरक्षा बल के उप निरीक्षक भरत प्रसाद दल बल के साथ पहुंचे और मामले की जांच शुरू की. स्टेशन प्रबंधक ने बताया कि पथराव के कारण कोई हताहत नहीं हुआ है. लेकिन रेल संपत्ति को क्षति पहुंची है. बताते चले कि शुक्रवार को भी इंटरसिटी पैसेंजर ट्रेन के लेट से पहुंचने के कारण छात्रों ने जम कर उत्पात मचाया. कई एक्सप्रेस ट्रेनों को जब रन रोका और परिचालन बाधित किया. इंटरसिटी पैसेंजर ट्रेन तीन घंटे लेट थी. इसी वजह से यह घटना हुई. विदित हो कि सीवान से छपरा-हाजीपुर होते हुए समस्तीपुर तक जाने वाली इंटरसिटी पैसेंजर जिससे काफी संख्या में छात्र सवार होकर छपरा कोचिंग करने, स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने जाते हैं. दैनिक यात्री भी काफी संख्या में सफर करते हैं. जब इसके परिचालन में विलंब होता है तो, छात्रों का उत्पात शुरू हो जाता है.

इसका खामियाजा रेलकर्मियों को भुगतना पड़ता है. बावजूद इसके रेलवे प्रशासन की ओर से इसे लेकर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है.

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