उफ, जान ले लेगी गरमी
छपरा (सारण) : उफ..ओह..हाय ये गरमी. न घर में राहत, न बाहर चैन. ऊपर से दिन भर बिजली की आंखमिचौनी. भीषण गरमी से त्रस्त रहे आम से खास लोग. एक सप्ताह पहले भीषण आंधी-पानी व भूकंप की तबाही के बाद बढ़ी गरमी ने लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है. शहर के जजर्र हो चुके विद्युत […]
छपरा (सारण) : उफ..ओह..हाय ये गरमी. न घर में राहत, न बाहर चैन. ऊपर से दिन भर बिजली की आंखमिचौनी. भीषण गरमी से त्रस्त रहे आम से खास लोग. एक सप्ताह पहले भीषण आंधी-पानी व भूकंप की तबाही के बाद बढ़ी गरमी ने लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है. शहर के जजर्र हो चुके विद्युत पोल व तार बदलने का कार्य चल रहा है, जिससे आपूर्ति अधिकांश इलाकों में ठप रही.
इस वजह से न केवल सरकारी, बल्कि प्राइवेट दफ्तरों में काम करनेवाले पदाधिकारी व कर्मचारी भी परेशान रहे. गरमी से राहत पाने के लिए लोग जुगाड़ भिड़ाते रहे. शहर से लेकर गांव-देहात तक एक जैसी स्थिति बनी रही.
जेनेरेटर बना सहारा : दफ्तरों में कामकाज निबटाने के लिए लोगों ने जेनेरेटर का सहारा लिया. जिन दफ्तरों में जेनेरेटर की सुविधा नहीं है, वहां कर्मचारी-पदाधिकारी बेहाल रहे. इस वजह से काम-काज भी ठप रहा. कंप्यूटर व इंटरनेट पर आधारित कार्यालयों का काम पूरी तरह बाधित रहा.
बिजली उपकरण शोभा की वस्तु : बिजली गुल रहने से घरों व दफ्तरों में लगे पंखा, कूलर, फ्रिज व एसी समेत अन्य उपकरण शोभा की वस्तु बने रहे. दोपहर के समय स्कूल से घर वापस लौटे बच्चों को गरमी के कारण उफ, ओह करना पड़ा और बिजली विभाग के अधिकारियों को कोसते रहे. स्कूल से निकलने के बाद धूप व गरमी ङोलते हुए बच्चे जब घर पहुंचे, तो बिजली नदारद पाकर सिर पर हाथ रख लिया. पंखा, कुलर व ऐसी बंद रहने से गरमी ने और बेचैनी बढ़ा दी. फ्रिज बंद रहने से ठंडा पानी के लिए भी दोपहर में तरसना पड़ा.
लोग पड़ने लगे बीमार : अचानक मौसम बदलने से लोगों को कै-दस्त, सिरदर्द, बुखार समेत कई अन्य तरह की बीमारियां होने लगी हैं. बच्चों में भी सर्दी-खांसी, बुखार की शिकायतें बढ़ी हैं. रात के समय मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है.
बारिश होने की आशंका : अचानक गरमी बढ़ने से अगले 24 घंटे के अंदर बारिश होने की आशंका है. मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 10 व 11 मई को बारिश हो सकती है और कहीं-कहीं ओला वृष्टि होने की भी आशंका है. हवा की गति भी तेज रहेगी.
धूप ने बढ़ायीं मुश्किलें
चिलचिलाती धूप व भीषण गरमी ने राहगीरों की मुश्किलें बढ़ी दी हैं. दोपहर के समय स्कूल-कॉलेज व दफ्तरों से पैदल घर जानेवालों को छाता, गमछा, टोपी, चश्मा आदि का सहारा लेना पड़ा. युवतियां कपड़े से मुंह ढक कर बाहर निकलीं. बिना टोपी, चश्मा व गमछा के बाहर निकले लोगों की हालत देखते ही बनी.