मॉडल स्कूल के रूप में दिखेगा जिला स्कूल

देशरत्न की शिक्षा स्थली जिला स्कूल एक बार फिर अन्य विद्यालयों के लिए होगा आदर्श छपरा (नगर) : देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की शिक्षा स्थली छपरा का जिला स्कूल एक बार फिर जिले के अन्य विद्यालयों के लिए एक आदर्श होगा. वर्षो से प्रशासनिक उपेक्षा के कारण अपना गौरव खोते जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2015 7:50 AM
देशरत्न की शिक्षा स्थली जिला स्कूल एक बार फिर अन्य विद्यालयों के लिए होगा आदर्श
छपरा (नगर) : देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की शिक्षा स्थली छपरा का जिला स्कूल एक बार फिर जिले के अन्य विद्यालयों के लिए एक आदर्श होगा. वर्षो से प्रशासनिक उपेक्षा के कारण अपना गौरव खोते जा रहे इस ऐतिहासिक विद्यालय के जजर्र भवन का पुनर्निर्माण का कार्य जारी है.
राज्य सरकार ने जिला स्कूल के जजर्र भवन के कायाकल्प के लिए लगभग एक करोड़ 41 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया है. पुनर्निर्माण का कार्य सरकार की ही आधारभूत संरचना निर्माण संबंधी एजेंसी विद्यालय का मरम्मती कार्य कर रही है. वैसे सूत्रों की मानें तो विगत कुछ माह में ही छपरा का जिला स्कूल एक आदर्श स्कूल के रूप में नजर आयेगा.
फर्श से लेकर छात्र होंगे चकाचक
जिला स्कूल छपरा के फर्श से लेकर छत सभी चकाचक होंगे. पहले थोड़ी बारिश आने पर ही विद्यालय कमजोर छतों व टूटी खिड़कियों से पानी टपकने लगते थे. विद्यालय के पुनर्निर्माण के कम से कम सभी क्लास रूम व प्रशासनिक भवन सभी कक्ष, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला की छत व दीवारों की मरम्मत के साथ ही हर जगह टाइल्स वाली चमकदार फर्श बनायी जा रही है. विद्यालय के प्रशासनिक भवन सहित एक क्लास रूम की मरम्मत व रंगरोगन व फर्श पर टाइल्स लगाने का काम जारी है.
यहीं पढ़े थे भारत के प्रथम राष्ट्रपति
जिला स्कूल छपरा को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को पढ़ाने का गौरव प्राप्त है. डॉ राजेंद्र प्रसाद ने यहां सन् 1893 में आठवें वर्ग में अपना नामांकन कराया था. 1902 में उन्होंने इसी स्कूल से इंट्रेंस की परीक्षा पास की थी. परीक्षा में उनकी लिखावट और सटीक उत्तर लिखने की कला को देख उनकी कॉपी जांच कर रहे परीक्षक को भी उनकी कॉपी रिमार्क लिखना पड़ा था कि ‘एग्जामिनी इज बेटर दैन एग्जामिनर’.
पुराने लुक को बनाये रखने का प्रयास
1854 में स्थापित जिला स्कूल के निर्माण उस समय के डिजाइनर व आर्च का प्रयोग किया गया था. ऐसे में पुनर्निर्माण के दौरान जिला स्कूल के ऐतिहासिक भवन के पुराने स्वरूप को भी बनाये रखने की भी कोशिश की जा रही है. विद्यालय के वर्तमान प्राचार्य रतन कुमार सिंह के अनुसार विद्यालय पश्चिमी छोड़ स्थित भवन पूरी तरह से जजर्र थे, ऐसे में उन्हें पूरी तरह तोड़ कर वहां नये भवन का निर्माण किया जा रहा है. वहीं विद्यालय के बाउंड्री वाल को और ऊंचा करने के साथ ही मुख्य गेट के समीप गार्ड रूम तथा अतिरिक्त शौचालय का भी निर्माण हो रहा है.

Next Article

Exit mobile version