गंडामन मामले में दूसरी बार भी नहीं हुई गवाही
छपरा (कोर्ट) : मशरक के गंडामन धर्मासती गांव स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में विषाक्त मध्याह्न् भोजन खाने से हुई 23 बच्चों की मौत मामले में एक बार फिर गवाही नहीं हो सकी. वजह पुलिस द्वारा इस मामले के किसी गवाह को न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया जाना है. सोमवार को गंडामन मामले के सत्रवाद संख्या […]
छपरा (कोर्ट) : मशरक के गंडामन धर्मासती गांव स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में विषाक्त मध्याह्न् भोजन खाने से हुई 23 बच्चों की मौत मामले में एक बार फिर गवाही नहीं हो सकी. वजह पुलिस द्वारा इस मामले के किसी गवाह को न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया जाना है.
सोमवार को गंडामन मामले के सत्रवाद संख्या 811/13 में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय विजय आनंद तिवारी के न्यायालय में गवाही होनी थी, जो उपरोक्त कारण से नहीं हो सकी. न्यायाधीश ने साक्ष्य के लिए अगली तिथि 27 मई निर्धारित किया है. इधर, गंडामन मामले में मुख्य आरोपित बनायी गयी विद्यालय की तत्कालीन प्रधान शिक्षिका मीना देवी इसी मामले में आरोपितों बनाये गये पति अजरुन राय के साथ न्यायालय में प्रस्तुत हुई.
दोनों को पुलिस अभिरक्षा में मंडल कारा से न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, ताकि उन दोनों के समक्ष गवाही की प्रक्रिया पूरी हो सके, परंतु, गवाही नहीं होने के कारण दोनों को न्यायिक हिरासत की अवधि 27 मई तक बढ़ाते हुए पुन: मंडल कारा भेज दिया गया. इधर, पुलिस द्वारा लगातार दो तिथियों पर गवाह को न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किये जाने को लेकर लोक अभियोजक अजीत कुमार सिंह ने सारण के पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखा है तथा दूरभाष के माध्यम से पुलिस द्वारा गवाही में बरती जा रही शिथिलता की बात कही है.
पत्र में लिखा है कि गंडामन मामले में सीआरपीसी की धारा 164 तथा जब्ती सूची के जो भी गवाह है उन्हें न्यायालय द्वारा निर्धारित तिथि को न्यायालय में अवश्य उपस्थित कराया जाये.
लोक अभियोजक श्री सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ने मशरक थानाध्यक्ष को हिदायत दी है कि निर्धारित तिथि पर गवाह को कोर्ट में निश्चित रूप से उपस्थापित कराये. गवाही को लेकर अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक तथा अपर लोक अभियोजक समीर मिश्र तथा बचाव पक्ष से अधिवक्ता भोला प्रसाद व नरेश प्रसाद राय न्यायालय में उपस्थित थे.