राशन की हो रही कालाबाजारी
– कालाबाजारी रोकने के लिए किये गये डोर-टू-डोर डिलिवरी का प्रबंध भी बना नकारा छपरा (सारण) : जिले में जन वितरण प्रणाली की दुकानों से राशन की कालाबाजारी का खेल थम नहीं रहा है. इस खेल में आपूर्ति विभाग के कुछ अधिकारियों की भूमिका काफी संदिग्ध है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी पर निलंबन का गाज गिर […]
– कालाबाजारी रोकने के लिए किये गये डोर-टू-डोर डिलिवरी का प्रबंध भी बना नकारा
छपरा (सारण) : जिले में जन वितरण प्रणाली की दुकानों से राशन की कालाबाजारी का खेल थम नहीं रहा है. इस खेल में आपूर्ति विभाग के कुछ अधिकारियों की भूमिका काफी संदिग्ध है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी पर निलंबन का गाज गिर चुका है. हाल ही में राज्य सरकार के द्वारा जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रमोद कुमार को निलंबित कर दिया गया.
जनवितरण प्रणाली की दुकानों से गरीब परिवारों को सस्ती दर पर मिलनेवाले गेहूं तथा चावल को डीलरों द्वारा सीधे कालाबाजारी में बेचा जा रहा है.
एसएफसी से चावल तथा गेहूं का उठाव कर डीलर दुकान पर ले जाने के बजाय सीधे बाजार में पहुंचा रहे हैं. कालाबाजारी रोकने के लिए किये गये डोर-टू-डोर डिलिवरी का प्रबंध भी नकारा बन कर रह गया है. कालाबाजारी के खेल में आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के अलावा एसएफसी के अधिकारी और डोर-टू-डोर डिलिवरी के लिए अनुबंधित वाहनों के परिचालक भी संलिप्त हैं.
नहीं लागू हुई कंप्यूटरीकृत प्रणाली:जन वितरण प्रणाली सिस्टम को कंप्यूटरीकृत करने और अनाज के आवंटन, उठाव एवं वितरण को ऑन लाइन करने का मामला अधर में है. बीपीएल परिवारों को सस्ते दर पर गेहूं-चावल उपलब्ध कराने की योजना को पारदर्शी बनाने तथा लूट-खसोट रोकने के लिए सरकार द्वारा जविप्र की व्यवस्था को कंप्यूटरीकृत करने और ऑनलाइन करने का निर्देश दिया गया है. परंतु कंप्यूटरीकृत प्रणाली से जविप्र को अब तक नहीं जोड़ा गया है. इसके प्रति आपूर्ति विभाग के अधिकारी भी लापरवाह बने हुए हैं.
कालाबाजारी करनेवालों की चांदी :जनवितरण प्रणाली के गेहूं-चावल के आवंटन, उठाव तथा वितरण का कार्य पुरानी व्यवस्था के तहत किये जाने के कारण कालाबाजारी पर अंकुश नहीं लग रहा है. कालाबाजारी करनेवालों की चांदी कट रही है. कालाबाजारी के खेल में डीलर, एसएफसी के अधिकारी और आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता जगजाहिर है.
प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारियों द्वारा कागजों पर ही दुकानों की जांच कर रिपोर्ट सौंप दी जाती है. अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा अनाज के उठाव व वितरण का भौतिक सत्यापन नहीं किया जा रहा है. शहरी निकायों तथा पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा भी शिकायत करने पर डीलरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
अनुमंडल स्तर पर डाटा संग्रह किया जा रहा है और प्रखंडों में यह व्यवस्था लागू नहीं है. कालाबाजारी रोकने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है.
कयूम अंसारी
अनुमंडल पदाधिकारी, छपरा, सदर