छपरा. नगर निगम क्षेत्र की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. फिलहाल स्थिति यह है कि 50 प्रतिशत स्ट्रीट लाइट अपनी रोशनी देना भूल गये हैं. आधे शहर में हाल ही में लगे तिरंगा लाइट भी बेकार साबित हो रही है. अधिकांश जगहों पर यह खराब हो चुके हैं. शहर में एक भी चौक-चौराहों पर हाइ मास्ट लाइट नहीं है. ऐसे में शहरवासियों की परेशानी बढ़ गई है. शहर को चकाचक करने की दावा करने वाले महापौर और नगर आयुक्त की ओर सबकी निगाहें टिक गयी है.
शहर में जिस कंपनी को स्ट्रीट लाइट लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी और उसको एक तय समय सीमा तक मेंटेनेंस करने का आदेश दिया गया था उस कंपनी ने इस कार्य को गंभीरता से नहीं लिया. इसे लेकर कई बार कार्रवाई हुई. जुर्माना लगा. भुगतान रोका गया, लेकिन असर कुछ भी नहीं हुआ. हालांकि पार्षदों का कहना है कि कार्रवाई केवल दिखावे के लिए हुई. अधिकारियों ने भुगतान तो कर ही दिया. निगम का लाखों रुपये स्ट्रीट लाइट के नाम पर भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ा दिए गये.
एक-एक कर सभी खराब हो गयी स्ट्रीट लाइट
छपरा नगर निगम क्षेत्र में मुख्य सड़क सहित गली में स्ट्रीट लाइट लगी थी. जो की कुछ दिन तक अच्छे से काम कर रही थी, लेकिन एक-एक कर लाइट खराब हो गयी. वर्तमान में शहर के मुख्य सड़कों की 50 प्रतिशत लाइट खराब है. जिसके चलते शाम होते ही सड़कों पर अंधेरा छा जाता है. पूरे नगर निगम क्षेत्र में 4,675 लाइट लगी हैविभागीय अधिकारियों के अनुसार पूरे नगर निगम क्षेत्र में 4,675 लाइट लगी थी, जिसमें से 50 प्रतिशत खराब है. जिसको लेकर निगम ने कई बार कंपनी को पत्र लिखा. पत्र की अवधि खत्म होने के बाद कानूनी प्रक्रिया करते हुए जुर्माना लगाया गया. यह भी याद रहे की निगम ने 2022 में लापरवाही के चलते एएससेल कंपनी पर 34 लाख का जुर्माना लगाया था. इसके बाद दिखावे के लिए कुछ जगहों पर काम किया गया फिर स्थित जस की तस रह गई. पर्व त्यौहार आते हैं तो नगर निगम मरमती का अभियान चलता है, लेकिन केवल यह कागजों पर ही रह जाता है.
क्या कहते हैं महापौर
व्यवस्था धीरे-धीरे दुरुस्त हो रही है. सभी खराब स्ट्रीट लाइट का आकलन किया जा रहा है. जल्द ही व्यवस्था में सुधार होता दिखेगा. शहर के सभी इलाकों में तिरंगा लाइट लगेगा.
लक्ष्मी नारायण गुप्ता, महापौर, नगर निगम
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