छपरा
. अमन समीर ने गुरुवार को समाहरणालय सभागार में शिक्षा विभाग की समीक्षा की. डीएम ने कहा कि सभी प्रखंडो में दो-दो विद्यालयों सहित कुल 50 उच्च विद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से माडल विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किया जायेगा. इसके लिये सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को विद्यालय चिह्नित करने को कहा गया. ज्ञात हो कि जिला के 27 विद्यालयों को पीएम श्री योजना के तहत विकसित करने के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है. ई-शिक्षा कोष पर शिक्षकों की उपस्थिति लगभग 95 प्रतिशत दर्ज की जा रही है. कुछ प्राप्त शिकायतों से ज्ञात हुआ है कि कुछ विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक के लॉगिन से कई दिन दर्ज की जा रही है. जबकि शिक्षकों की उपस्थिति उनके स्वयं के लॉगिन से दर्ज की जानी है. विशेष परिस्थिति में ही प्रधानाध्यापक के लॉगिन से हाजिरी बनानी है. डीएम ने ऐसे विद्यालयों की सूची तैयार करने का निदेश दिया. जहां कई बार प्रधानाध्यापक के लॉगिन से शिक्षकों की हाजिरी बनायी जा रही है. ऐसे प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी जो अपने लॉगिन का दुरुपयोग कर रहे हैं. बैठक में बताया गया कि जिला में 64 भूमिहीन प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनके भवन के निर्माण हेतु भूमि की आवश्यकता है. इसके अतिरिक्त असंबद्ध किये गए 17 अन्य विद्यालयों के लिये भी भूमि की आवश्यकता है. इस प्रकार कुल 81 विद्यालयों के भवन निर्माण हेतु भूमि की आवश्यकता है. डीएम ने कहा कि सभी अंचलाधिकारियों के माध्यम से इन विद्यालयों के लिये प्राथमिकता देते हुये भूमि चिन्हित कराई जायेगी. सभी विद्यालयों की भूमि का दाखिल खारिज सुनिश्चित कराने हेतु एक महीने के अंदर संबंधित अंचलाधिकारी के यहां आवेदन कराने का निदेश दिया गया. सभी टोला सेवकों /तालिमी मरकज़ को प्रत्येक दिन अपने क्षेत्र में कम से कम 25 घरों का भ्रमण कर परिवार में नामांकन योग्य बच्चे तथा वास्तविक में नामांकित बच्चे की सूची वार्डवार तैयार करने का निर्देश दिया.
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