आयोग ने लगायी फटकार, तो उपलब्ध करायी भ्रामक सूचना

आयोग ने लगायी फटकार, तो उपलब्ध करायी भ्रामक सूचना वेतन नामावली पंजी व औपबंधिक वेतन पंजी पर नहीं हैं हस्ताक्षरसंवाददाता, छपरा (सारण)जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) के कार्यालय द्वारा सूचना उपलबध कराने तथा राज्य सूचना आयोग के समक्ष गलत बयानी करने का मामला प्रकाश में आया है. यह मामला महर्षि गौतम ऋषि संस्कृत माध्यमिक विद्यालय, गोदना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2015 7:39 PM

आयोग ने लगायी फटकार, तो उपलब्ध करायी भ्रामक सूचना वेतन नामावली पंजी व औपबंधिक वेतन पंजी पर नहीं हैं हस्ताक्षरसंवाददाता, छपरा (सारण)जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) के कार्यालय द्वारा सूचना उपलबध कराने तथा राज्य सूचना आयोग के समक्ष गलत बयानी करने का मामला प्रकाश में आया है. यह मामला महर्षि गौतम ऋषि संस्कृत माध्यमिक विद्यालय, गोदना (रिविलगंज) से जुड़ा है. अधिवक्ता संजय कुमार सिंह ने सूचना का अधिकार कानून के तहत सूचना मांगी थी, जिसमें स्कूल के शिक्षकों तथा कर्मचारियों के वर्ष 2010-11 तथा 2011-12 की वेतन नामावली पंजी तथा वेतन औपबंधिक वेतन विपत्र शामिल हैं. पहले तो, डीपीओ (स्थापना) ने सूचना नहीं दी है, लेकिन उस पर अधिकारी और कार्यालय सहायक के हस्ताक्षर नहीं हैं. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने दी गयी सूचना में कहा है कि अभिलेखों का संधारण कार्यालय सहायक के द्वारा किया जाता है. बताते चलें कि महर्षि गौतम संस्कृत विद्यालय, गोदना (रिविलगंज) के सहायक शिक्षक प्रभुनारायण मिश्र ने गलत ढंग से वेतन मद में पांच लाख 50 हजार 469 रुपये की निकासी कर ली थी. इस संबंध में श्री मिश्र के खिलाफ जालसाजी और सरकारी राशि का गबन करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. यह कार्रवाई भी डीपीओ (स्थापना) के आदेश पर की गयी. विभाग के द्वारा श्री मिश्र को बरखास्त कर दिया गया है. बरखास्त शिक्षक बने एचएम विभाग द्वारा बरखास्त करने के बाद प्रभुनारायण मिश्र स्वघोषित हेडमास्टर बन गये हैं. इसका खुलासा तब हुआ, जब श्री मिश्रा के आवेदन पर डीपीओ (स्थापना) ने महर्षि संस्कृत माध्यमिक विद्यालय के सहायक शिक्षक संजीव कुमार सिंह से स्पष्टीकरण मांगा, जिसमें कहा गया है कि प्रधानाध्यापक द्वारा दी गयी सूचना के आलोक में यह कार्रवाई की गयी है. लेकिन, जब प्रधानाध्यापक शैलेंद्र सिन्हा से जानकारी ली गयी, तो उन्होंने किसी तरह की शिकायत करने से इनकार किया. पत्र की जांच की गयी, तो पता चला कि उसी विद्यालय के बरखास्त शिक्षक श्री मिश्र ने गलत ढंग से डीपीओ को शिकायत पत्र भेजा है. फिलहाल इस मामले में डीपीओ के द्वारा जांच की कार्रवाई की जा रही है.

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