क्या घर में लगेगी आग, घर के चिराग से
क्या घर में लगेगी आग, घर के चिराग से चुनाव परिणाम को लेकर प्रत्याशियों व उसके समर्थकों के बढ़ गयी है बेचैनी किसी को है मां अंबिका की उम्मीद तो किसी को बाबा हरिहरनाथ की कृपा पाने का है भरोसा संवाददाता-दिघवारा. जेसे-जैसे मतगणना की तिथि नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे प्रत्याशियों समेत उनके समर्थकों के […]
क्या घर में लगेगी आग, घर के चिराग से चुनाव परिणाम को लेकर प्रत्याशियों व उसके समर्थकों के बढ़ गयी है बेचैनी किसी को है मां अंबिका की उम्मीद तो किसी को बाबा हरिहरनाथ की कृपा पाने का है भरोसा संवाददाता-दिघवारा. जेसे-जैसे मतगणना की तिथि नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे प्रत्याशियों समेत उनके समर्थकों के दिलों की धरकने तेज होने लगी है. परिणाम क्या होगा यही सवाल सबकी जुबान पर है. सोनपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनावी किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों का वक्त काटे नहीं कट रहा है. परिणाम के बारे में सोचने वाले प्रत्याशियों के आंखों से नींद गायब है. हर कोई 8 नवंबर का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. फैसले में राजनीतिक किश्मत चमकेगी. या फिर वोटर रिजेक्ट करेंगे. यह सोचकर प्रत्याशियों की भूख भी गायब हैै.मन्नतों का दौर है जारीजनता की अदालत से फैसला पा चुके प्रत्याशियों की राजनीतिक किस्मत इवीएम में बंद है. लिहाजा प्रत्याशी अब जनता के बाद भगवान की शरण में है एवं प्रत्याशी, उनके परिजन व समर्थकों द्वारा मन्नतों के मानने का दौर जारी है. कोई मां अंबिका के दरबार में पहुंचकर मन्नत मांग चुका है. तो किसी को बाबा हरिहरनाथ की कृपा बरसने का भरोसा है. गुलाबी ठंड में माहौल है गर्मठंड के बीच सुबह तीन बजे से ही चाय दुकानों के अलावे स्टेशनों व बस स्टैंडों पर चुनावी चर्चा से माहौल गर्म हो जाता है. कुछ ऐसा ही हाल सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों का भी है. कोई कमल के खिलने की दलील देता है तो कोई दावे के साथ कहता है कि क्षेत्र में लालटेन वाले प्रतिनिधि ही विधान सभा तक पहुंचेगे. बहर एनडीए व महागठबंधन के समर्थक अपने-अपने प्रत्याशियों के जीत की हैट्रिक पूरा करने को लेकर आश्वस्त है. देखना है किसके नसीब में क्षेत्र का विधायक बनना लिखा है. निर्दलीय प्रत्याशियों की खुब हो रही है चुनावी चर्चा में इस बार निर्दलीय प्रत्याशियों की भूमिका को नकारा नहीं जा रहा है. चुनावी चर्चा में मशगुल लोगों का कहना है कि निर्दलीय प्रत्याशियों को प्राप्त वोट किसी के जीत व हार तय करेंगे. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी भी अभी तक अपनी जीत का ताल ठोक रहे है. पार्टी का टिकट न मिलने से बागी हुए ऐसे नेता जी निर्दलीय लड़कर जो वोट प्राप्त किया है. उससे आशंका है कि इस बार घर में घर के ही चिराग से आग लगेगी. उधर चुनावी परिणाम को लेकर लोगों के बीच खुब सट्टा लग रहा है. देखना है कि दिवाली से पहले कौना माला-माल तो और कौन कंगाल बनता है? इस खबर का कोई औचित्य नहीं है.