कचरे के बीच सूर्य को अर्घ देंगे श्रद्धालु!
दिघवारा : प्रखंड के अंबिका भवानी घाट, आमी में कचरे का अंबार लगा है. वहीं, गंगा तट पर मौजूद कचरा सड़ कर बदबू पैदा कर रहा है. घाट पर पसरा कचरा सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहा है. वहीं, इसी कचरे के बीच से गुजर कर आस्था की नगरी पहुंचनेवाले श्रद्धालु गंगा में आस्था की […]
दिघवारा : प्रखंड के अंबिका भवानी घाट, आमी में कचरे का अंबार लगा है. वहीं, गंगा तट पर मौजूद कचरा सड़ कर बदबू पैदा कर रहा है.
घाट पर पसरा कचरा सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहा है. वहीं, इसी कचरे के बीच से गुजर कर आस्था की नगरी पहुंचनेवाले श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. दिन भर कचरे के पास घूमते हैं जानवरघाट पर दिन भर कचरे के पास मक्खियां भिनकती नजर आती है. वहीं, कुत्ता व सूअर जैसे जानवर कचरे के पास दिन भर विचरण करते नजर आते हैं.
छठ में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़वर्तमान में आमी के जिस घाट पर कचरे का अंबार लगा है, वहां छठ में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. इस वर्ष भी अर्घ देने के लिए अप्रत्याशित भीड़ उमड़ने की संभावना है.
मगर, सवाल यह है कि घाट की सफाई कब तक होगी. या फिर इसी कचरे के बीच खड़े होकर श्रद्धालु सूर्य को अर्घ देंगे? गंगा की गंदगी के लिए संकीर्ण सोच जिम्मेवारकमोबेश गंगा घाट की इस गंदगी के लिए आस्था भाव वाले श्रद्धालुओं का संकीर्ण सोच जिम्मेवार है.
स्थानीय लोगों की मानें, तो दूर-दराज से मां अंबिका के दरबार में पहुंचने वाले श्रद्धालु पूजन में प्रयोग में आने के बाद बेकार पदार्थों को भारी मात्रा में अपने साथ लाकर उसे गंगा में प्रवाहित करते हैं एवं स्थानीय लोगों द्वारा विरोध करने पर श्रद्धालु झंझट करने पर उतारू हो जाते हैं. बेकार पदार्थों के गंगा में निरंतर प्रवाहित होने के कारण गंगा की ऐसी स्थिति हुई है.