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मंत्रिमंडल के निर्णय के दो साल बाद भी नगर निगम में शामिल नहीं हुए 15 पंचायतों के 60 गांव

ऐसा होने के बाद यह 75 से 80 वार्ड वाला नगर निगम बन सकता है, लोगाें को मिलने लगेंगी सुविधाएं

छपरा. सरकार से दो साल पहले मिल चुकी स्वीकृति के बावजूद छपरा नगर निगम का विस्तार आज तक नहीं हो पाया है. इसमें 15 पंचायतों के 60 गांवों को जोड़ा जाना है. ऐसा होने के बाद यह 75 से 80 वार्ड वाला नगर निगम बन सकता है. नगर निगम में जिन गांवों को जोड़ने के लिए याचिकाकर्ता ने अपील की थी और सीनियर एडवोकेट ज्ञान प्रकाश ने जो पक्ष रखा था, उनके अनुसार नगर निगम क्षेत्र में उत्तर में बसडिला-252, मरहिया-360, पोहिया-328, दक्षिण में सरयू नदी, पूरब में धर्मपुरा-305, पीरारी-306 और पश्चिम में पचपतरा-265, सिंगर टोला 216 और नवादा-213 थाना नंबर वाली पंचायत को जोड़ना था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंत्रिमंडल ने इसकी स्वीकृति भी दे दी थी. यदि ये शामिल हो जाते तो 155297 से बढ़कर नगरनिगम की 357649 हो जायेगी. इन थाना नंबर के गांव को है जोड़ना करिंगा 273, मुसहरी 274 , श्रीराम चक 275, सिधवलिया 276 ,बरहमपुर 277 , मगाईडीह 278, मिश्रावालिया 279, नारायणपुर 282 ,रतनपुरा का ग्रामीण इलाका283, दहियावां का ग्रामीण अंश 284, रामनगर मोना का ग्रामीण अंश 286, बिचला तेलपा का ग्रामीण अंश 289, माला मौजा टूकरा नंबर1-291,पूर्वी तेलपा का ग्रामीण अंश 294 ,घेघटा 295, शेरपुर 296, साढा 342, बिशनपुरा 314 ,चकिया 313 जलालपुर 312, नैनी 257, तुर्कवालिया 258, वाजिदपुर 253 ,फकुली 260, जटुवा259, तेजपुराबा , महतो मुसहरी 357, रजिया टोला 350, धनपत छपरा 355 ,बिचला बाधार 356 ,तेनुआ348 , मिथवालिया 343, यमुना मुसहरी 347, हसनपुरा 344, मेहिया 290, बसाढी 340, माला शेरपुर 315, नंदलाल छपरा 364, ईनई 271, मुबारकपुर 218, मुकरेरा 27, जलालपुर 272 , मैथबलिया 268, राजमल पीरारी 261, औली 267, दिलीयारहीमपुर 280/3, जैल शहर 280/3, नेवाजी टोला 280 /4 ,जान टोला , पिरौना 318, भैंस मारा 330, फतेहपुर 329, पचपतरा 320, बरबकपुर 319 ,सरवादीह307 , फेरुसा332 ,पहाड़पुर 331, मुबारकपुर 317, महामदा 334 कर्मियों और संसाधनों की संख्या कई गुना बढ़ती जिस लंबाई और चौड़ाई के साथ छपरा नगर निगम का विस्तार होना है, उस परिस्थिति में नगर निगम को छपरा में नगर बस सेवा भी शुरू करनी पड़ेगी, क्योंकि नगर में पढ़ने आने वाले छात्र-छात्राओं और आम लोगों को लंबी दूरी तय करने के लिए अब नगर बस सेवा बेहतर प्रतीत होता होता है. जलालपुर से लेकर रिविलगंज, डोरीगंज, शेरपुर, पहाड़पुर गरखा जैसे जिला मुख्यालय से दूर इलाकें आसानी से जिला मुख्यालय से जुड़ जाते. अभी नगर निगम में 45 वार्ड हैं, जो बढ़कर 70-80 हो जाते. सुविधा के साथ-साथ अधिकारी-कर्मी और संसाधन में इजाफा हो जांता. सरकार से अधिक फंडिंग मिलती. दियारा क्षेत्र के लिए एक अलग थाने की जरूरत नगर निगम क्षेत्र में दियारा क्षेत्र के कई हिस्से इस निर्णय से जुड़ने हैं. ऐसे में रिविलगंज प्रखंड और रिविलगंज थाने को काफी सहूलियत होती, क्योंकि कभी भी कोई घटना छपरा शहर से सटे दक्षिण में स्थित सरयू नदी के दियारा क्षेत्र में होती है तो रिविलगंज थाने को इस एरिया में आना पड़ता है और छानबीन करके मामले को निपटाना पड़ता है. अब या तो नए थाने बनाने होंगे या फिर भगवान बाजार थाना और नगर थाना में यह हिस्से आ जाएगा. नगर निगम क्षेत्र में प्रस्तावित सभी गांव यदि शामिल हो जाते हैं तो नगर निगम को बुनियादी सुविधाएं भी तेजी से बढ़ाने होंगे. ऐसे में मंत्रिमंडल के निर्णय के 2 साल बाद भी अभी तक इसे लेकर कोई पहल नहीं की गयी है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग इंतजार में है कि कब उनके गांव को नगर निगम क्षेत्र का हिस्सा बनाया जायेगा और वह सभी शहरी सुविधाएं ले सकेंगे. क्योंकि अभी भी जिन क्षेत्रों को जोड़ा जाना है. वहां शहरी सुविधाएं लगभग नगण्य हैं ऐसे में बिजली ,पानी, सड़क, स्वास्थ्य, रेल समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए नगर निगम को काफी मेहनत करनी होगी. विस्तार के लिए हो रही पहल निगम क्षेत्र के विस्तार के लिए पहल हो रही है. बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे को रखा जाएगा. जो भी निर्णय होगा उसका अनुपालन कराया जायेगा. लक्ष्मी नारायण गुप्ता, महापौर, नगर निगम छपरा

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