जिले के अस्पतालों की सुधरेगी दशा
छपरा (सारण) : कर्तव्य के प्रति लापरवाह तथा भगोड़े चिकित्साकर्मियों पर शिकंजा कसेगा. इसकी तैयारी विभाग ने शुरू कर दी है. स्वास्थ्य उपकेंद्र से लेकर सदर अस्पताल तक पदस्थापित चिकित्साकर्मियों को मुख्यालय से गायब रहना महंगा पड़ेगा. विभाग ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को कड़ा दिशा-निर्देश जारी किया है. चिकित्सा पदाधिकारियों को भी प्रखंड मुख्यालय […]
छपरा (सारण) : कर्तव्य के प्रति लापरवाह तथा भगोड़े चिकित्साकर्मियों पर शिकंजा कसेगा. इसकी तैयारी विभाग ने शुरू कर दी है. स्वास्थ्य उपकेंद्र से लेकर सदर अस्पताल तक पदस्थापित चिकित्साकर्मियों को मुख्यालय से गायब रहना महंगा पड़ेगा. विभाग ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को कड़ा दिशा-निर्देश जारी किया है.
चिकित्सा पदाधिकारियों को भी प्रखंड मुख्यालय में 24 घंटे रहना होगा. मुख्यालय छोड़ने के पहले सिविल सर्जन से इसकी विधिवत अनुमति लेनी होगी. सरकारी अस्पतालों से गायब रह कर प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवालों पर भी विभाग की नजर तिरछी हो गयी है. खास कर प्रखंड मुख्यालयों में पदस्थापित चिकित्सक, जो जिला मुख्यालय तथा दूसरे शहरों में जाकर प्रैक्टिस करते हैं, उन पर लगाम कसेगी.
दूर होगी दवाओं की कमी : सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी दूर होगी. इसके लिए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को एक-एक लाख रुपये उपलब्ध करा दिये गये हैं. इससे स्थानीय स्तर पर आवश्यक दवाओं का क्रय करने का निर्देश दिया गया है. राज्य मुख्यालय स्तर से दवाओं की आपूर्ति होने तक स्थानीय स्तर पर दवा का क्रय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी करेंगे. इसके लिए विभाग ने दिशा-निर्देश भी जारी कर दिया है.
जरूरत पड़ने पर पुन: राशि उपलब्ध करायी जायेगी. विभाग द्वारा अनुमोदित दवाओं की सूची में से जो अनुपलब्धता है, वह दवा स्थानीय स्तर पर क्रय की जा सकती है.