ठंड बढ़ने से अगलगी की घटनाएं भी बढ़ीं

छपरा (सारण) : ठंड का मौसम शुरू होते ही अगलगी की घटनाएं भी बढ़ गयी हैं. इस वजह से जान-माल को काफी क्षति हो रही है. ठंड से बचाव के लिए आग जलाएं, लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है. थोड़ी-सी असावधानी से जान-माल की क्षति हो सकती है. पिछले एक पखवारे के अंदर अगलगी की कई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2015 6:28 PM

छपरा (सारण) : ठंड का मौसम शुरू होते ही अगलगी की घटनाएं भी बढ़ गयी हैं. इस वजह से जान-माल को काफी क्षति हो रही है. ठंड से बचाव के लिए आग जलाएं, लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है. थोड़ी-सी असावधानी से जान-माल की क्षति हो सकती है. पिछले एक पखवारे के अंदर अगलगी की कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं.

अलाव तापने या गोशाला-खटाल में आग जलाते समय विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. खास कर झुग्गी-झोंपड़ी में रहनेवालों को सचेत रहने की जरूरत है. कार्यरत हैं एक दर्जन वाहनजिले में अग्निशमन दस्ते के 12 वाहन कार्यरत हैं. 12 में से छह बड़े वाहन हैं तथा मिम्स टेक्नोलॉजी के छह वाहन हैं. प्रमंडलीय मुख्यालय, छपरा में दो बड़े तथा 3 छोटे वाहन कार्यरत हैं. रसूलपुर, पानापुर तथा मशरक में एक -एक मिम्स टेक्नोलॉजी के वाहन हैं, लेकिन रसूलपुर के वाहन को मुख्यालय में जमा कर दिया गया है.

सोनपुर तथा मढ़ौरा में दो-दो बड़े वाहन कार्यरत हैं. दो वर्षों से नहीं मिल रहा है वेतन मिम्स टेक्नोलॉजी के आधा दर्जन वाहनों के चालकों तथा गृहरक्षकों को दो वर्षों से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है. इस वजह से रसूलपुर थाने के फायर ब्रिगेड वाहन के चालक तथा सिपाही ने कार्य करना छोड़ दिया है और वाहन को जिला मुख्यालय में जमा कर दिया है.

मशरक थाने के फायर ब्रिगेड वाहन के चालक और सिपाहियों ने भी कार्य बंद करने की धमकी दी है. वेतन भुगतान करने के लिए जिला अग्निशमन पदाधिकारी तथा जिलाधिकारी के द्वारा सरकार को लिखा जा चुका है. झोंपड़ी की टाटी की करें लिपाईआग से बचाव के लिए झोंपड़ी की टाटी की मिट्टी से लिपाई करें. इससे झोंपड़ी में आग लगने की आशंका कम हो जाती है.

टाटी में मिट्टी का कवर रहने से आग नहीं लगेगा. झोंपड़ी में रहने वाले लोगों के द्वारा ढिबरी का प्रयोग किया जाता है और चूल्हा पर भोजन बनाया जाता है. ढिबरी गिरने तथा चूल्हे की आग फैलने से झोंपड़ी में आग लग जाती है. इससे बचाव का बेहतर उपाय झोंपड़ी को घेरी गयी टाटी पर मिट्टी की लिपाई करना है.

एक नजर में प्रमुख घटनाएंसिताबदियारा में अगलगी में डेढ़ दर्जन झोंपड़ियां राख मांझी थाना क्षेत्र के कौरू-धौरू में गोशाला में आग लगने से झुलसी महिला की मौतपरसा थाना क्षेत्र के सगुनी गांव में गोशाला में आग लगने से दो मवेशियों की मौत ताजपुर में खलिहान में आग लगने से धान का दो सौ बोझा जल कर राख बरतें सावधानी-तापने के लिए जलाये गये

अलाव को सोने के पहले बुझा दें-गोशाला में आग को जलते हुए नहीं छोड़े-गोशाला में बांधे गये मवेशियों से दूर आग जलाएं-जब तक आग जल रही हो, उसे देखते रहें -पशुओं के लिए रखे गये चारा पुआल-भूसा आदि के आसपास आग नहीं जलाएं-झोंपड़ीनुमा घरों में आग जला कर नहीं छोड़े -सोनेवाले स्थान के आसपास सावधानी से आग जलाएं-सोने के पहले अलाव की पूरी तरह बुझा दें-चूल्हे में जलता हुआ आग न छोड़ें-खाना बनाने के बाद चूल्हे की आग को बुझा दें

इसका भी करें पालन-रसोई गैस को सिलिंडर ठीक से बंद रखें-खाना बनाने के बाद इसकी ठीक से जांच कर लें-रसोई गैस में बल्ब जलते हुए नहीं छोड़े-सोनेवाले कमरे में हवा निकालने के लायक जगह खुली रखें -सोने के पहले हीटर को बंद कर दें-अगर हीटर चला रहे हैं, तो कमरे को खुला रखें यह हो सकता है

नुकसानदेह-बंद कमरे में हीटर चला कर सोना-बंद कमरे में मच्छर मारनेवाली अगरबत्ती जला कर सोना-बंद कमरे में अलाव जला कर सोनाक्या कहते हैं अधिकारीठंड से बचाव के लिए आग जलाएं, लेकिन पूरी सावधानी बरतें. अलाव जला कर छोड़ने से अप्रिय हादसा होने की आशंका रहती है. रात में सोने के पहले आग बुझा दें. संतोष कुमार पांडेयजिला अग्निशमन पदाधिकारी, सारण.

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