रेलयात्रियों में जगी आस
उम्मीद. छपरा-रेवा-मुजफ्फरपुर नयी रेल परियोजना होगी शुरू ग्रहण हटने के जगे आसार भू-स्वामियों को राशि के आवंटन के लिए जिला प्रशासन ने रेल मंत्रालय को भेजा स्मारपत्र छपरा (सारण) : उत्तर बिहार के सारण व तिरहुत प्रमंडलीय मुख्यालयों को रेलमार्ग से सीधे जोड़ने की बहुप्रतीक्षित रेल परियोजना एक बार फिर तेज होने की संभावना जगी […]
उम्मीद. छपरा-रेवा-मुजफ्फरपुर नयी रेल परियोजना होगी शुरू
ग्रहण हटने के जगे आसार
भू-स्वामियों को राशि के आवंटन के लिए जिला प्रशासन ने रेल मंत्रालय को भेजा स्मारपत्र
छपरा (सारण) : उत्तर बिहार के सारण व तिरहुत प्रमंडलीय मुख्यालयों को रेलमार्ग से सीधे जोड़ने की बहुप्रतीक्षित रेल परियोजना एक बार फिर तेज होने की संभावना जगी है. इससे सारण व तिरहुत प्रमंडल के आम जनों में रेलवे यातायात के विकास की नयी किरण दिखाई पड़ने लगी है.
तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में इस परियोजना को स्वीकृति मिली थी और नयी रेल लाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य भी शुरू हुआ. जिले के छपरा सदर, गड़खा, परसा तथा अमनौर तक भूमि का अधिग्रहण भी कर लिया गया है, जिसके मुआवजे का प्रथम किस्त भू-स्वामियों को दी जा चुकी है. लेकिन, शेष राशि का आवंटन नहीं होने से भूमि अधिग्रहण का कार्य लटक गया.
दो मौजा की भेजी अधियाचना : छपरा-रेवा-मुजफ्फरपुर नयी बड़ी रेल लाइन के लिए दो मौजा की भूमि अधिग्रहण करने के लिए रेल मंत्रालय ने अधिसूचना भेजी है. रेलवे की अधिसूचना में शेरपुर तथा विशुनपुरा मौजा की भूमि का अधिग्रहण करने का अनुरोध किया गया है.
अब तक 22 मौजा की भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है. कुल 47 मौजा की भूमि का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव है. लेकिन, पर्याप्त धन राशि रेलवे द्वारा उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण अधियाचना लैप्स हो गयी. शेष मौजा की भूमि अधिग्रहण के लिए पुन: अधियाचना भेजने का अनुरोध जिला प्रशासन ने किया है.
नयी नीति के तहत होगा अधिग्रहण : अब नयी नीति के तहत भूमि का अधिग्रहण किया जायेगा.रेलवे मंत्रालय द्वारा भेजी गयी अधियाचना के आलोक में भू-अर्जन विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए रेल मंत्रालय से पहले राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है. राशि उपलब्ध होने के पश्चात एएन सिन्हा संस्थान के द्वारा सर्वेक्षण कर जांच रिपोर्ट दी जायेगी. इसके पश्चात भूमि अधिग्रहण किया जायेगा. नयी नीति के तहत पहले राशि उपलब्ध कराने के पश्चात ही भूमि अधिग्रहण करने का प्रावधान है.
रेलमंत्री कर सकते हैं घोषणा : छपरा-सोनपुर रेलखंड पर नवनिर्मित स्टेशन छपरा ग्रामीण का उद्घाटन इसी माह के अंत तक होना है और इसका उद्घाटन करने रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु करेंगे.
रेलमंत्री के आगमन के मद्देनजर लंबित रेल परियोजनाओं में एक बार तेजी आयी है और नये स्टेशन के उद्घाटन के दौरान रेलमंत्री के द्वारा छपरा-रेवा-मुजफ्फरपुर नयी रेल लाइन के लिए धन उपलब्ध कराने के लिए घोषणा कर सकते हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी केंद्र सरकार में मंत्री है और उनका गृह प्रखंड अमनौर है, जो इसी रेलमार्ग पर पड़ता है.
बदला-बदला-सा दिखेगा सारण : रेल परियोजना के पूर्ण होने के बाद सारण बदला-बदला-सा दिखेगा. जो रेल परियोजनाएं पूर्ण होने के कगार पर हैं, वह इस वित्तीय वर्ष के अंत तक जनता को समर्पित कर दिये जाने की उम्मीद है और जो चल रही हैं, उसके दो वर्षों में पूर्ण होने की आशा है.
लंबित रेल परियोजनाएं अगर अगले वित्तीय वर्ष में भी चालू होंगी, तो 2020 तक यातायात के मामले में पूरी तरह विकसित हो जायेगा. राजधानी पटना से रेलमार्ग से जुड़ने के साथ-साथ यहां से होकर गुजरनेवाली ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ जायेगी.
रेलवे को भेजा पत्र
जिला प्रशासन की ओर से रेल मंत्रालय को भूमि अधिग्रहण के लिए शेष राशि उपलब्ध कराने के लिए कई बार पत्र भेजा जा चुका है. जिला प्रशासन ने रेल मंत्रालय को पुन: स्मारपत्र भेजा है. राशि के अभाव में भूमि अधिग्रहण का कार्य लंबित रहने और अधिग्रहण की गयी भूमि के मुआवजे का पूर्ण भुगतान करने के लिए आवंटन मांगा गया है.
पिछड़े इलाकों का होगा विकास
छपरा-रेवा-मुजफ्फरपुर नयी रेल परियोजना के पूर्ण होने से उत्तर बिहार के बहुत बड़े पिछले इलाके के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा. खास कर सारण व मुजफ्फरपुर के सीमावर्ती गंडक दियारा क्षेत्र सीधे रेल मार्ग से जुड़ जायेगा. इस नयी रेल परियोजना की अरसे से मांग होती आ रही है. दुर्गम दियारा क्षेत्र से होकर गुजरनेवाली इस रेल परियोजना के विकास को ध्यान में रख कर तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद इसे स्वीकृति दी.