खेल-खेल में मार डाला अपनी ही बेटी को

छपरा / मांझी : तीन वर्ष की अबोध बच्ची का अपहरण कर हत्या करने की खबर से गुरुवार की सुबह अचानक खलबली मच गयी और आनन-फानन में चार थानों की पुलिस के अलावा सदर एसडीपीओ राजकुमार कर्ण व अन्य पदाधिकारियों ने पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया. बाद में जांच के दौरान यह पता चला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2015 9:06 PM

छपरा / मांझी : तीन वर्ष की अबोध बच्ची का अपहरण कर हत्या करने की खबर से गुरुवार की सुबह अचानक खलबली मच गयी और आनन-फानन में चार थानों की पुलिस के अलावा सदर एसडीपीओ राजकुमार कर्ण व अन्य पदाधिकारियों ने पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया. बाद में जांच के दौरान यह पता चला कि बच्ची का अपहरण नहीं किया गया था और न ही उसकी हत्या की गयी. गुर्दाहा खुर्द निवासी दिलीप शर्मा बच्ची को गोद में लेकर खेला रहा था, तभी वह उसके गोद से गिर गयी, जिसके कारण बच्ची की मौत हो गयी. बच्ची की मौत से घबरा कर दिलीप शर्मा ने बच्ची के शव को सरयू नदी में ले जाकर बहा दिया. अभी तक बच्ची का शव नहीं मिल सका है.

क्या है मामला

थाना क्षेत्र के मांझी चट्टी पर नरपलिया निवासी धर्मेंद्र साह की चाय की दुकान है. उसी की बगल में दिलीप शर्मा की भी दुकान है. बुधवार की शाम को दिलीप शर्मा धर्मेंद्र की तीन वर्षीय पुत्री रागिनी को गोद में लेकर खेला रहा था और वह शराब के नशे में था. असावधानीवश बच्ची उसके गोद से गिर गयी और उसकी मौत हो गयी. इसके बाद उसने सबकी नजरों से बचा कर उसे सरयू नदी में ले जाकर फेंक दिया. पुलिस के समक्ष गिरफ्तार दिलीप शर्मा ने स्वीकार किया कि बच्ची की हत्या नहीं की गयी है, बल्कि उसे खेलाने के दौरान यह हादसा हो गया. पुलिस ने दिलीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है. बुधवार की रात से ही बच्ची के गायब होने के बाद उसके परिजन परेशान थे और दिलीप शर्मा की तलाश कर रहे थे, जिसे आज शनिचरा बाजार से पकड़ कर पुलिस को सौंपा गया. इसके साथ ही माहौल बिगड़ने की आशंका उत्पन्न हो गयी और पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए तुरंत एकमा थानाध्यक्ष श्रीचरण राम, रिविलगंज थानाध्यक्ष रवींद्र मोची और दाउदपुर थानाध्यक्ष राज कौशल को बुला लिया. मौके पर सदर एसडीपीओ के अलावा बीडीओ सूरज कुमार सिंह, सीओ सिद्धनाथ सिंह, मांझी थानाध्यक्ष प्रभाकर पाठक पहुंचे.

क्या कहते हैं एसपी

सारण एसपी ने प्रभात खबर को बताया कि बच्ची की हत्या तथा अपहरण करने जैसी कोई बात नहीं है. लेकिन जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ है कि दिलीप शर्मा शराब के नशे में था और बच्ची को खेला रहा था. इसी दौरान इसकी गोद से गिरने के कारण बच्ची की मौत हो गयी. बच्ची के मौत के बाद घबरा कर उसने शव को ले जाकर सरयू नदी में फेंक दिया.

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