बचपन सहेजने को जल्द खुलेगा चाइल्ड लाइन
बचपन सहेजने को जल्द खुलेगा चाइल्ड लाइनचाइल्ड लाइन की जिम्मेवारी तय करने के लिए डीएम ने की अधिकारियों के साथ बैठक दिये गाइड लाइन संबंधी आवश्यक निर्देश, बाल विकास से जुड़े एनजीओ की तलाश तेजसंवाददाता-छपरा (सदर). जिला प्रशासन ने भूले-भटके बच्चों का बचपन सहेजने का बीड़ा उठाया है. अब असहाय व लावारिस बच्चों को चाइल्ड […]
बचपन सहेजने को जल्द खुलेगा चाइल्ड लाइनचाइल्ड लाइन की जिम्मेवारी तय करने के लिए डीएम ने की अधिकारियों के साथ बैठक दिये गाइड लाइन संबंधी आवश्यक निर्देश, बाल विकास से जुड़े एनजीओ की तलाश तेजसंवाददाता-छपरा (सदर). जिला प्रशासन ने भूले-भटके बच्चों का बचपन सहेजने का बीड़ा उठाया है. अब असहाय व लावारिस बच्चों को चाइल्ड लाइन के जरिये फौरी राहत मिलेगी. उनकी मासूमियत की रखवाली व बच्चों की सही देखरेख के लिए छपरा में चाइल्ड लाइन जल्द चालू होगा. संस्था का संचालन प्रारंभ कराने को लेकर डीएम दीपक आनंद ने पदाधिकारियों व विभिन्न एनजीओ के साथ बैठक की. बैठक में इस बात पर सहमति बनी की महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत संचालित होने वाले चाइल्ड लाइन का जिले में संचालन करने की जिम्मेवारी उसी संस्था को दी जायेगी जो सारण जिले की है. जिनके ऊपर कोई विभागीय कार्रवाई नहीं है. तीन वर्ष तक बाल विकास पर कार्य किया है तथा संस्था के पास अपना आधारभूत ढांचा है. इसके लिए मंत्रालय से पहुंचे बिहार के प्रभारी सुशोभन जिले में पांच दिनों तक रहेंगे. वहीं जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक भाष्कर प्रियदर्शी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी सुधीर कुमार के साथ विभिन्न संस्थाओं की कार्यप्रणाली व आधारभूत ढांचे का अवलोकन करेंगे. बैठक में जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकरी अवधेश कुमार, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी संध्या सुरभि, सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक पिंकी कुमारी आदि पदाधिकारी के अलावे स्वयंसेवी संस्था भाभा के अरविंद कुमार, मानस के द्वेष नाथ दीक्षित आदि उपस्थित थे.